महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल पेश करते हुए दिशा महिला आजीविका संकुल संगठन – मोहला का वार्षिक अधिवेशन रजत महोत्सव वर्ष के अंतर्गत भव्य रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में एकता, आत्मनिर्भरता और आजीविका सशक्तिकरण को बढ़ावा देना रहा।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी भारती चंद्राकर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। विशेष अतिथि सरपंच गजेन्द्र पुरामें, ग्राम के पटेल होरीलाल साहू तथा अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगाए। दीप प्रज्ज्वलन और मंगल गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
महिला ऑटो सेवा का शुभारंभ — आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
अधिवेशन के अवसर पर “महिला ऑटो रिक्शा सेवा” का शुभारंभ किया गया, जो क्षेत्र की महिलाओं के लिए रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल की सभी अतिथियों ने सराहना की और इसे महिला आजीविका को नई दिशा देने वाला नवाचार बताया।
महिला समूहों की प्रेरणादायक कहानियाँ
संकुल की अध्यक्ष सुकेश मंडावी, सचिव आशा जायसवाल और कोषाध्यक्ष हेमलता बाई ने संगठन का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। विभिन्न स्व-सहायता समूहों की दीदियों ने मंच से अपने अनुभव साझा किए—कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प और स्वरोजगार से जुड़ी सफलता की कहानियाँ उपस्थित जनों के लिए प्रेरणा बनीं।
सांस्कृतिक रंगों से सजा मंच
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में “बेटी हूँ मैं” नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। महिलाओं और युवतियों ने गीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता और शिक्षा का संदेश दिया।
“महिलाओं की प्रगति ही समाज की प्रगति”
मुख्य अतिथि भारती चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा —
“महिलाओं की प्रगति ही समाज की सच्ची प्रगति है। जब महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी, तभी परिवार और समाज दोनों सशक्त होंगे।”
कार्यक्रम के समापन अवसर पर संगठन की उत्कृष्ट कार्य करने वाली दीदियों को सम्मानित किया गया।
आयोजन में सभी का सहयोग
यह सफल आयोजन क्षेत्रीय समन्वयक आर्य सर, पीआरपी चंद्रप्रभा चंद्राकर, अकाउंटेंट शैल निषाद और संकुल क्रेडर टीम के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शबाना खान ने प्रभावशाली ढंग से किया।
मोहला से यह आयोजन महिला स्वावलंबन और सामाजिक परिवर्तन की नई मिसाल बनकर उभरा।
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