NBPNEWS/मोहला_मानपुर, 27अक्टूबर 2025। शिक्षा का अधिकार कानून यानी आरटीई ( राइट टू एजुकेशन ) न केवल एक अधिकार है बल्कि सरकार द्वारा निर्धारित एक कानून है जिसके जरिए हर नौनिहाल को शिक्षा का लाभ दिया जाना सरकार ने सुनिश्चित किया हुआ है। लेकिन इस कानून को कतिपय निजी स्कूलों ने पैसा कमाने का धंधा बना रखा है।
मोहला मानपुर जिले में इसका जीवंत उदाहरण करीब तीन माह पहले सामने आ चुका है लेकिन हैरानी की बात की केंद्र सरकार के इस कानून का उल्लंघन कर सरकार को चुना लगाने तथा ग्रामीण पालकों से शिक्षा के नाम पर छलावा करने वालों की सारी करतूत जानने के बावजूद जिले की कलेक्टर चुप्पी साधकर कार्यवाही का जहमत नहीं उठा रहीं हैं वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के पास सारी धांधली को उजाकर करती जांच रिपोर्ट दबी पड़ी है, अब तक रिजल्ट नदारत है और दूसरी ओर जिला प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर तमाशबीन बना हुआ है।
जांच टीम ने पकड़ी है बड़ी गड़बड़ी, दो माह से डी ई ओ दफ्तर में दबी है रिपोर्ट
दरअसल जिला के आदिवासी बाहुल्य मानपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम भर्रीटोला में संचालित निजी संस्था फ्लॉवर वैली स्कूल के बिना मान्यता के संचालित होने, स्कूल से जरूरतमंद पालकों को उनके बच्चों की टी सी न दिए जाने, आर टी ई का दुरुपयोग करने जैसी शिकायत करीब तीन माह पूर्व सामने आई थी। मीडिया में ये मसला सुर्खियों में रहा।
जनपद उपाध्यक्ष व ब्लॉक शिक्षा समिति अध्यक्ष देवानंद कौशिक ने भी संज्ञान लेकर जांच तथा कार्यवाही की पहल की नतीजतन तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने पांच सदस्यीय जांच टीम ने गठित की। उक्त जांच टीम को जांच कर रिपोर्ट सौंपे करीब दो माह हो गया है। जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट में उक्त निजी स्कूल की मान्यता न होने समेत कई अनियमितताओ का उल्लेख है। जांच टीम द्वारा सब कुछ अपनी रिपोर्ट मे उजागर कर दिए जाने के बावजूद शिक्षा का अधिकार कानून का उल्लंघन, शासन के साथ चार सौ बीसी का अपराध जैसे इस गंभीर मसले की जांच रिपोर्ट करीब दो माह से डी ई ओ दफ्तर में दबी पड़ी है। 
बच्चे पढ़ रहे दूसरे स्कूलों में और फ्लावर वैली स्कूल ले रही उनके नाम से पैसा ?
इसी तरह से मानपुर में संचालित फ्लॉवर वैली स्कूल द्वारा ऐसे बच्चों के नाम से आर टी ई के तहत शासन से राशि लेने का मामला सामने आया है जो बच्चे उक्त स्कूल में पढ़ ही नहीं रहे हैं। जिला निजी स्कूल संघ ने करीब 20 दिन पहले ही इस संबंध में कलेक्टर को शिकायती ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन के साथ बाकायदा बच्चों की सूची संलग्न कर फ्लावर वैली स्कूल मानपुर में नहीं पढ़ने वाले कई बच्चों के नाम से उक्त स्कूल द्वारा शासन से आर टी ई के तहत धन राशि प्राप्त करने की शिकायत संघ ने कलेक्टर को की थी। यही नहीं भर्रीटोला में इसी संस्था के फ्लावर वैली स्कूल का संचालन बिना मान्यता के होने की शिकायत भी की गई थी। शिकायत दर्ज किए महीना खत्म होने को आया है अब तक कानून का उल्लंघन, शासन से चार सौ बीसी कर पैसा उगाही जैसे संगीन मसले पर कलेक्टर की ओर से कोई सार्थक कार्यवाही नहीं हुई। कलेक्टर का शासन को चुना लगाने वाले स्कूल पर कार्यवाही करने में दिलचस्पी न दिखाने और मौन साध लेने से इस बात की आशंका गहरा रही है कि शिक्षा और शिक्षा के कानून की धज्जियां उड़ाने वाला स्कूल जिला प्रशासन के संरक्षण में ही तो नहीं फल फूल रहा है।
छग निजी स्कूल एसोशिएसन ने कलेक्टर से की है शिकायत, न जांच न कार्यवाही, कटघरे में जिला प्रशासन
मानपुर व मोहला में संचालित फ्लावर वैली स्कूल को लेकर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन भी डेढ़ माह पहले कलेक्टर को शिकायती ज्ञापन सौंप कर जांच व कार्यवाही की मांग उनसे कर चुकी है। 17 सितंबर को सौंपे गए ज्ञापन में साफ कहा गया है कि कई ऐसे बच्चे है जिन्हें उक्त दोनों स्कूलों में आरटीई के तहत अध्ययनरत बताया जा रहा है जो इन स्कूलों में अध्ययनरत ही नहीं है। बल्कि कुछ वर्षों से अन्य निजी स्कूलों या सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत हैं।
उक्त स्कूलों द्वारा स्कूल छोड़ चुके बच्चों का नाम ड्रॉप आउट न करते हुए आरटीई पोर्टल में दर्ज रखकर शासन से धन राशि अर्जित कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने, भर्रीटोला के फ्लावर वैली स्कूल का कुछ वर्षों से बिना मान्यता रिनीवल के संचालित होने, जरूरतमंद बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद भी टीसी नहीं देने जैसे गंभीर लिखित तथ्य तथा जिन ड्रापआउट बच्चों के नाम से आरटीई का पैसा लिया जा रहा है उन बच्चों की सूची कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर निष्पक्ष जांच व कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग एसोसिएशन ने की है। लेकिन जिला प्रशासन के उदासीनता व लचरता की पराकाष्ठा ही कहें कि डेढ़ माह बाद भी न तो इस ज्ञापन पर कोई जांच हो सकी न कार्यवाही। कलेक्टर की मसले पर चुप्पी जिला प्रशासन की भूमिका को संदेह के कटघरे में खड़ा कर रही है।
डी ई ओ बदले, पहले ने जांच कराकर दबाया मामला, अब नए डी ई ओ फिर पिला रहे जांच की घुट्टी
जुलाई माह में भर्रीटोला के फ्लावर वैली स्कूल के बिना मान्यता रिनीवल के संचालित होने, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को टी सी नहीं दिए जाने सहित अन्य अनियमितताएं उजागर हुई थी। मीडिया में मामला सुर्खियों में आने के बाद डी ई ओ ने पांच सदस्यीय टीम से पूरे मामले की जांच करवाई। जानकारी के मुताबिक टीम ने बकायदा तमाम अनियमितताओं को सही पाए जाने की पुष्टि करते हुए जांच रिपोर्ट डी ई ओ को सौंप दी है। जो अब तक डी ई ओ दफ्तर में धूल फांक रही है।जिस डीईओ के कार्यकाल में ये जांच हुई और रिपोर्ट दबाई गई उनका हाल ही में यहां से स्थानांतरित हो गया। अब नए डीईओ योगदास साहू हैं। इस पूरे मसले को नए डी ई ओ श्री साहू को अवगत कराकर उनसे उनका पक्ष जाना गया तो उन्होंने कहा कि मै उसकी जांच करवाता हूँ और पूर्व जांच रिपोर्ट आई होगी तो रिपोर्ट के आधार पर उक्त स्कूल के विरुद्ध नियमतः कार्यवाही होगी। दो माह पहले हुई जांच का अता- पता नहीं है। कलेक्टर से शिकायत के बावजूद अब तक कार्यवाही नहीं हो सकी। अब फिर से नए डीईओ साहब जांच की घुट्टी पीला रहे हैं जो हास्यास्पद ही लगता है। बहरहाल अब देखना ये है कि क्या शासन को चुना लगाने वाले स्कूल प्रबंधन पर क्या कलेक्टर की चुप्पी टूटेगी, डीईओ कार्यवाही को अंजाम दे पाएंगे ? या फिर जिला प्रशासन का लापरवाह रुख कायम रहेगा?
0 टिप्पणियाँ