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कलेक्टर के आदेश को किया दरकिनार, तेज आवाज में बजे गाने, गूंज गया बस्ती
दरअसल मानपुर स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल यानी सेजेस में शिक्षक दिवस की अहवेलना करते हुए बीते 10 सितंबर को शिक्षक दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां बकायदा स्कूल परिसर में मंच सजाया गया। वहीं डांस ,गीत समेत विविध कार्यक्रम यहां आयोजित किया गया। इस दौरान यहां जमकर साउंड सिस्टम बजाया गया। कई तरह के गाने तेज आवाज में कार्यक्रम के दौरान चलाए गए। साउंड सिस्टम की आवाज भी ऐसी की स्कूल के आस पास की मकाने व बस्ती साउंड सिस्टम की आवाज में गूंज रही थी। जबकि वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा जिले में साउंड सिस्टम के उपयोग को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया हुआ है। जिसके मुताबिक स्कूल के आस पास लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लागू है।
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शिक्षक दिवस के 5 दिन बाद ये कैसा शिक्षक दिवस.....
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को हमारे देश के प्रथम उप राष्ट्रपति व द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म तिथि के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन आम तौर पर स्कूलों में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पूजा अर्चना कर उनके उल्लेखनीय कार्यों को याद किया जाता है। अमूमन शालीनता से कार्यक्रम आयोजित होकर शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। लेकिन शिक्षक दिवस को 4 दिन बीत जाने के बाद पांचवे दिन ये कैसा शिक्षक दिवस जहां गाने, डांस के साथ तेज साउंड सिस्टम की आवाज में धूम धड़ाका हुआ। प्रशासन द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू होने के बावजूद नियम को ताक में रखकर शासकीय स्कूल में साउंड सिस्टम का उपयोग, और वो भी संविधान द्वारा नियत तिथि के 4 दिन बाद अन्य तिथि में, कहीं न कहीं सेजेस स्कूल में शिक्षक दिवस का अर्थ व महत्व ही उक्त कार्यक्रम के बीच बदलता दिखा। वहीं नियम का उल्लंघन कर हुए इस कार्यक्रम से शिक्षक दिवस की गरिमा भी धूमिल होते नजर आई।
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बच्चों की परीक्षा का हवाला देकर प्रबंधित किया गया है स्कूल के आसपास तेज लाउड स्पीकर
बीते 9 सितंबर को जिले के कलेक्टर ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत विभिन्न संस्थानों समेत शिक्षण संस्थान के 100 मीटर की परिधि को कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया है। परीक्षा का हवाला देते हुए स्कूल के 100 मीटर की परिधि को कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र कलेक्टर ने घोषित किया है। वहीं इसके बाद शासन की ओर से भी उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के संदर्भ में आदेश सामने आया है जिसमे स्कूल के 100 मीटर की परिधि में लाउड स्पीकर बजाने पर कड़ी कार्यवाही जैसी तथ्य उल्लेखित है।
इधर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने के के अगले ही रोज आदेश का उल्लंघन कर स्कूल के आसपास नहीं बल्कि स्कूल परिसर के भीतर ही जिम्मेदारों ने जमकर लाउड स्पीकर बजवा दिया। अब इसमें किस पर क्या कार्यवाही होगी ये देखने वाली बात होगी।
राष्ट्रगान के कथित अपमान के बाद अब कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन, क्या होगी
मुखिया पर कार्यवाही ?
हाल ही में इसी आत्मानंद स्कूल में एक दिव्यांग महिला भृत्य द्वारा राष्ट्रगान कराने तथा स्कूल के प्रिंसिपल समेत तमाम अध्यापकों के राष्ट्रगान से नदारत रहने का मामला सामने आया था। शिवसेना प्रमुख ने इसे राष्ट्रगान का अपमान बताते हुए कार्यवाही की मांग करते हुए पुलिस में केस दर्ज कराने की बात भी कही है। अब इसी स्कूल में शिक्षक दिवस की गरिमा तार तार होते नजर आई है जहां शिक्षक दिवस के चार दिन बाद ऐसा शिक्षक दिवस मनाया गया जहां शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल में जमकर तेज आवाज में घंटों लाउड स्पीकर बजाया गया। पूर्व में भी इस स्कूल में शिक्षक द्वारा बच्चों को प्रताड़ित करने का मामला सामने आ चुका है। ऐसे में अब बड़ा सवाल ये उठता है कि विवादों में घिरे स्कूल के मुखिया पर क्या कार्यवाही होगी। गौर करने वाली बात ये भी है कि ब्लॉक समेत जिले भर में कई वरिष्ठ, अनुभवी व्याख्याताओं, प्रिंसिपलों के रहते हुए भी ब्लॉक के इस बड़े व महत्त्वपूर्ण स्कूल में कनिष्ठ व्याख्याता को प्राचार्य बना दिया गया है। वहीं कुशल प्रबंधन का अभाव ही कहें कि स्कूल में नित नए बखेड़े खड़े हो रहे हैं। और 1964 का ये दशकों पुराना प्रतिष्ठित स्कूल विवादों में घिरता जा रहा है।
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