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राष्ट्रगान का अपमान, कार्यवाही नही तो पोत देंगे काला पाउडर, पुलिस में भी केस दर्ज कराएंगे


NBPNEWS/07 सितंबर/मोहला_मानपुर। 
जिले के मानपुर ब्लॉक मुख्यालय स्थित शासकीय स्वामी आत्मानंद स्कूल में बीते दिनों सामने आए राष्ट्रगान के वक्त प्रिंसिपल व सभी अध्यापकों के नदारत रहने के मामले में शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष धनंजय परिहार ने स्कूल प्रबंधन समेत प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए इसे राष्ट्रगान का अपमान करार दिया है। वहीं सुधार, कार्यवाही नही होने पर न केवल काला पाउडर जिम्मेदारों पर पोतने की बात कहते हुए पुलिस में केस दर्ज करने की ओर भी इशारा किया है। 
स्कूल में प्रदर्शन करेंगे, जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे 

          दरअसल शिवसेना प्रमुख धनंजय पांडे शिवसेना द्वारा विभिन्न मुद्दो को लेकर जिला मुख्यालय मोहला मे धरना प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान उन्होंने उद्बोधन के दौरान प्रशासन व स्कूल प्रबंधन की जमकर बखिया उधेड़ी। धनंजय परिहार ने कहा जानकारी मिली है कि स्कूल में एक दिव्यांग भृत्य द्वारा रोजाना स्कूल में राष्ट्रगान कराती हैं। इस दौरान स्कूल की प्रिंसिपल और अध्यापक कोई मौजूद नही रहता। इतनी बड़ी खबर मीडिया में आई है। और कोई संज्ञान नहीं ले रहा। कार्यवाही नही हो रही। धनंजय परिहार ने जिम्मेदारों की तीखी आलोचना करते हुए अक्रोशित स्वर में कहा कि यदि मामले में संज्ञान नहीं लिया गया तो हम दोबारा आएंगे, काला रंग का पाउडर लेकर आएंगे और इनके मुंह पर पोत देंगे। इस दरमियान मीडिया से चर्चा के दौरान धनंजय परिहार ने जिम्मेदारों के राष्ट्रगान के दौरान नदारत रहने को राष्ट्र गान का अपमान बताया। तथा सुधार कार्यवाही नहीं होने पर जिला शिक्षा अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे तथा स्कूल में प्रदर्शन भी करेंगे। शिवसेना प्रमुख ने राष्ट्रगान के अपमान को लेकर पुलिस में केस भी पंजीबद्ध कराएंगे।
पहले कही कार्यवाही की बात, अब नही दिखा रहे दिलचस्पी, कहीं किसी का दबाव तो नहीं ?

          बता दें कि बीते दिनों स्वामी आत्मानंद स्कूल मानपुर में सत्ता रूढ़ भाजपा के पदाधिकारी तथा स्कूल के शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष राजहंस मंडावी ने राष्ट्रगान के दौरान स्कूल का औचक करने के दौरान पाया था कि एक दिव्यांग महिला भृत्य अकेले स्कूल में बच्चों को राष्ट्रगान करा रही है। इस दरमियान समिति अध्यक्ष राजहंस मंडावी ने स्कूल का निरीक्षण कर बच्चों से भी जानकारी ली। इसी दौरान मौजूद मीडिया से जानकारी साझा करते हुए शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान एक मात्र महिला भृत्य राष्ट्रगान करा रही है। तथा उन्होंने जब इसकी जानकारी बच्चों से ली तो पता चला कि रोजाना स्कूल में भृत्य ही राष्ट्रगान कराती है। प्रिंसिपल अध्यापक कोई रही रहते। स्कूल के शौचालय के गंदी दुर्दशा तथा राष्ट्रगान के समय प्रिंसिपल व अध्यापकों के नदारत रहने को दुखद करार देते हुए कार्यवाही की बात कही थी। सत्ता पक्ष के नेता द्वारा पकड़ी गई अनुशासन हीनता पर अब तक कार्यवाही नही हुई। वहीं अनुशासन हीनता पकड़ने वाले नेता जी कार्यवाही में अब दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। ऐसे में सवाल गहरा रहा है कि कार्यवाही की बात कहने वाले शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष पर कहीं किसी का दबाव तो नहीं है। 
डी ई ओ के जांच का भी ठिकाना नहीं, कहा था कार्यवाही करूंगा, अब राष्ट्रगान के सम्मान में तनिक संजीदगी नहीं 

राष्ट्रगान के प्रति अनुशासन हीनता की सूचना मिलने के बाद डी ई ओ फत्तेराम कोसारिया ने जांच कराने व कार्यवाही करने की बात कही थी। डी ई ओ ने किससे जांच कराई , कब कराई इसका अब तक कोई ठिकाना नहीं। सूत्रों से पता चला है कि डी ई ओ के सामने ये स्पष्ट हो चुका है कि राष्ट्रगान के दौरान प्रिंसिपल व सभी अध्यापक नदारत थे। फिर भी अब तक इस गंभीर मसले पर डी ई ओ की ओर से कोई ठोस कार्यवाही सामने नहीं आई है। डी ई ओ ने मीडिया के समक्ष जो जांच व कार्यवाही के जो दावे किए थे। वो खोखले साबित हो रहे हैं। सूत्रों से यह भी पता चला है कि बिना कोई ठोस कार्यवाही किए राष्ट्रगान के प्रति अनुशासन हीनता बरतने वालों को केवल समझाई देकर छोड़ा जा रहा है। राष्ट्रगान के प्रति अनुशासनहीनता बरतने वालों के लिए बिना कड़ी कार्यवाही के सिर्फ समझाईस देकर छोड़ना ये बता रहा है कि जिले के जिला शिक्षा अधिकारी राष्ट्रगान के सम्मान के प्रति कितने संजीदा हैं।
कई वरिष्ठ प्राचार्य फिर भी व्याख्याता को बना दिया प्राचार्य, अब हो रहा व्यवस्था का बेड़ागर्क 

1964 से संचालित ब्लॉक का ये बड़ा स्कूल जहां हिंदी व इंग्लिश मीडियम दोनो शालाएं लगती हैं यहां किसी अन्य ब्लॉक के अन्य शाला के व्याख्याता को प्रिंसिपल बना दिया गया है। जबकि न केवल मानपुर ब्लॉक में बल्कि जिले भर में कई वरिष्ठ व्याख्यात व प्राचार्य मौजूद हैं जो अपने अनुभव से इस स्कूल का बेहतर संचालन कर सकते हैं। कई वरिष्ठ प्राचार्य छोटे स्कूलों में ड्यूटी बजा रहे हैं वहीं ब्लॉक के सबसे बडे और महत्वपूर्ण इस स्कूल में अन्य ब्लॉक के अन्य स्कूल की व्याख्याता को प्राचार्य बना दिया गया है। अब जो प्राचार्य सुबह राष्ट्रगान में न पहुंच सके वो उनसे स्कूल कैसे सम्हलेगा ये सोचनीय विषय है। बता दें कि अंग्रेजी माध्यम वाले भी कई लेक्चरर व प्राचार्य यहां हैं फिर भी अंग्रेजी विषय का हवाला देकर एक कनिष्ठ व्याख्याता के भरोसे बड़े और महत्वपूर्ण स्कूल का संचालन कराना कही भी उचित नहीं लगता। शायद यही वजह है कि ये स्कूल अक्सर विवादों में घिरा रहता है। और शिक्षा व्यवस्था का बेड़ागर्क हो रखा है।

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