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देवरसुर में कार्तिक पूर्णिमा पर दुर्गा मोती माता मंदिर में भव्य पुन्नी महोत्सव 4-5 नवंबर को


NBPNEWS/अंबागढ़ चौकी, 02 नवंबर 2025
अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम देवरसुर स्थित प्राचीन दुर्गा मोती माता मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर दो दिवसीय भव्य पुन्नी महोत्सव का आयोजन 4 व 5 नवंबर को किया जाएगा। यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और लोकसंस्कृति का संगम होगा, जिसमें क्षेत्रीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
जस गीतों और झांकियों से गूंजेगा मंदिर परिसर

महोत्सव का शुभारंभ 4 नवंबर (मंगलवार) की रात्रि 8 बजे से होगा, जिसमें भक्तिमय जस गीत और भक्ति डांस का आयोजन रातभर चलेगा। कार्यक्रम का समापन सुबह 4 बजे पुन्नी स्नान के साथ होगा।
अगले दिन 5 नवंबर (बुधवार) को सुबह 10 बजे से प्रसिद्ध मां शीतला जस झांकी परिवार (रेवाडीह, राजनांदगांव) एवं जय अंबेश्वरी जस झांकी (मोंगरा बैराज) द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देंगे।
दुर्गा मोती माता: चमत्कारी प्राचीन शक्तिपीठ

मंदिर के पुजारी नारायण सलामे ने बताया कि यह मंदिर चांदा राज व अंबागढ़ जमींदारी काल की प्रमुख देवी शक्ति दुर्गा मोती माता को समर्पित है। यहां सैकड़ों वर्षों से माता की पाषाण अवतरित मूर्ति बिना सिर के धड़ के रूप में विराजमान है, जिसे दुर्लभ और चमत्कारी स्वरूप माना जाता है।
क्षेत्रवासी हर सुख-दुख में सबसे पहले माता के दरबार में अर्जी लगाते हैं। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि माता सभी कष्ट हरती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
दुर्गा मोती माता और आंगर मोती माता: दो दिव्य शक्तियों की कथा

मान्यता के अनुसार, चांदागढ़ राजा के आह्वान पर माता ने छिन्नमस्ता रूप धारण कर अपने शरीर के दो भाग किए। इसी कारण दुर्गा मोती माता का सिर आंगर मोती माता के रूप में गंगरेल बांध तट पर विराजमान है।
आंगर मोती माता को बड़ी बहन और दुर्गा मोती माता को छोटी बहन माना जाता है। दोनों दिव्य शक्तियां चांदागढ़ राज की रक्षक मानी जाती हैं और भक्तों के कष्टों का निवारण करती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान का धार्मिक महत्व

देव-देवारी अर्थात कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के पास स्थित प्राचीन देव तालाब में स्नान और माता के समक्ष अर्जी लगाने की विशेष परंपरा है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन किया गया स्नान और अर्जी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है तथा जीवन में सुख-शांति लाता है।

पीढ़ियों से आस्था का केंद्र

मंदिर समिति के सचिव संतोष हारमे ने बताया कि दुर्गा मोती माता का यह पवित्र धाम पीढ़ियों से क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र रहा है। पिछले 28 वर्षों से चैत्र नवरात्र में यहां ज्योत स्थापित की जाती रही है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से 12 गांवों की सहभागिता से यह पुन्नी महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, जो अब क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक आयोजन बन चुका है।

श्रद्धालुओं से अपील

मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं, ग्रामीणों और भक्तों से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर माता के आशीर्वाद प्राप्त करें और इस पावन पुन्नी महोत्सव की भव्यता में सहभागी बनें।

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