NBPNEWS/25 सितम्बर/मोहला मानपुर अं चौकी: जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) फत्तेलाल कोसरिया ने शासकीय स्कूलों में हुए गैर शैक्षणिक कार्यक्रम को लेकर गंभीर कदम उठाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब "NBPNEWS" में इस संबंध में खबर प्रकाशित हुई। खबर में बताया गया था कि कई शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दर्ज कर एक गैर शैक्षणिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
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**गैर शैक्षणिक आयोजन में शामिल शिक्षक**
बांधाबाजार संकुल के टोलागांव प्राथमिक शाला में 17 सितंबर को आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में लगभग एक दर्जन शिक्षक शामिल हुए थे। हैरानी की बात यह है कि इन शिक्षकों ने स्कूल समय में अपने स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दर्ज की और फिर इस गैर शैक्षणिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले शिक्षकों में संकुल समन्वयक उदल सलामे , देव यादव प्रा शा मांगाटोला , तुलसी अंबादे प्रा शा झिटिया राजेश्वर साहू घोरदा, तामेश्वर साहू प्रा शा सेमरबांधा, अरुण यादव प्रा शा चिखली, प्रदीप साहू कन्या प्रा शा बांधाबाजार, छबीलाल उइके प्रा शा किलारगोंदी, नीलकंठ कोमरे सिरलगढ़ और दया शंकर नंदेश्वर माध्यमिक शाला डोंगरगांव शामिल थे।
**शिक्षक दिवस के बाद आयोजित हुआ कार्यक्रम**
हालांकि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया गया था, लेकिन यह कार्यक्रम 17 सितंबर को आयोजित किया गया। इस समारोह का आयोजन प्रधान पाठक भंजन साहू और उनकी पत्नी रूपेश्वरी साहू ने किया था। बताया गया कि इस आयोजन के लिए बाकायदा आमंत्रण कार्ड भी छपवाए गए थे, जिनमें विकासखंड शिक्षा अधिकारी एसके धीवर और बीआरसी संतोष पांडे को भी आमंत्रित किया गया था। हालांकि, इन अधिकारियों ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी।
**प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई**
शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस गैर शैक्षणिक कार्यक्रम के लिए किसी भी तरह की प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रधान पाठक और उनकी पत्नी द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के बजाय स्कूल समय में शिक्षकों का समूह इस समारोह में शामिल हुआ और एक-दूसरे का सम्मान किया।
**डीईओ ने दी जांच के आदेश**
खबर सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और अंबागढ़ चौकी बीईओ एसके धीवर को जांच अधिकारी नियुक्त किया। डीईओ ने सात दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिए है। जांच के बाद दोषी पाए गए शिक्षकों पर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
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