प्रार्थी तरुण मंडावी
### घटना का विवरण
घटना तब हुई जब तहसीलदार संध्या नामदेव मानपुर से 12 अगस्त 2024 को लौट रही थीं । रास्ते में ट्रैक्टर चालक तरूण मंडावी से साइड नहीं मिलने पर तहसीलदार ने नाराज होकर न केवल उसे सैडिल से पीटा, बल्कि उसके ट्रैक्टर को जब्त कर थाने में खड़ा करा दिया। यह कार्रवाई तहसीलदार द्वारा बिना किसी उच्च अधिकारी को सूचित किए की गई थी। जब यह मामला छेत्रीय सक्रिय पत्रकार ने विडियो बनाकर सार्वजनिक किया और एन.बी.पी. न्यूज व अन्य मीडिया चैनल द्वारा इस आशय का समाचार प्रकाशित किया गया, तो राज्य शासन ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल तहसीलदार को निलंबित करने का निर्णय लिया।
यहां क्लिक कर देखें👉
### जांच और निष्कर्ष
शासन द्वारा मामले की जांच की गई, जिसमें तहसीलदार संध्या नामदेव की कार्रवाई को नियमों के विरुद्ध पाया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वाहन की जब्ती और उसे थाने में खड़ा कराने की कार्रवाई बिना शीर्ष अधिकारियों की अनुमति के की गई थी, जो प्रशासनिक प्रक्रिया के खिलाफ है। इसके अलावा, तहसीलदार द्वारा की गई पिटाई भी नियमों का उल्लंघन थी और एक सरकारी अधिकारी से अपेक्षित आचरण के विपरीत थी।
पुरी खबर जानने के लिए यहां क्लिक करें 👉
### शासन की कार्रवाई
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने संध्या नामदेव को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय दुर्ग निर्धारित किया गया है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि शासन किसी भी प्रकार के अधिकार के दुरुपयोग और नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कार्रवाई न केवल एक प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह अन्य अधिकारियों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि उन्हें अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते समय कानून और नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा।
### निष्कर्ष
यह घटना सरकारी अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि उन्हें अपने अधिकारों और शक्तियों का उपयोग नियमों के तहत और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अनुसार ही करना चाहिए। इस मामले में तहसीलदार संध्या नामदेव की ओर से की गई कार्रवाई को न केवल अनुचित पाया गया, बल्कि इसके कारण उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गई। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि शासन की नजर में सभी के लिए कानून का पालन अनिवार्य है, चाहे वह आम नागरिक हो या सरकारी अधिकारी।
0 टिप्पणियाँ