Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

ग्राम पंचायत सचिव संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज

NBPNEWS/मोहला मानपुर, 19 मार्च 2025। जिले के ग्राम पंचायत सचिव संघ ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। पंचायत सचिवों ने राज्य सरकार से अपने शासकीयकरण की मांग करते हुए मोहला स्थित छुरिया मंदिर प्रांगण में सुबह 11 बजे से धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पंचायत सचिव उपस्थित रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया।  
 **क्या है पंचायत सचिवों की मांग?**  
ग्राम पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष संतोष गोटे ने बताया कि वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र ‘मोदी की गारंटी’ में वर्ष 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया था। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने 7 जुलाई 2024 को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में 30 दिनों के भीतर समिति गठित कर सचिवों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने की घोषणा की थी।  
हालांकि, वर्तमान बजट सत्र में इस मुद्दे पर कोई पहल नहीं की गई, जिससे पंचायत सचिवों में भारी नाराजगी है। अपनी इस मांग को लेकर पंचायत सचिव संघ अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गया है।  
**मंत्रालय घेराव की तैयारी**  
हड़ताल के पहले दिन भारी संख्या में पंचायत सचिवों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांग पूरी करने की चेतावनी दी। संतोष गोटे ने कहा कि यदि सरकार जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तो आगामी 01 अप्रैल को प्रदेशभर के पंचायत सचिव मंत्रालय का घेराव करेंगे।
 **पंचायत कार्य ठप, ग्रामीणों को होगी परेशानी**  
ग्राम पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जिलेभर में पंचायत से जुड़े सभी प्रशासनिक कार्य ठप हो गए हैं। मनरेगा मजदूरी भुगतान, पेंशन वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं के कार्य प्रभावित होने की संभावना है। इससे ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।  
 **सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप**  
संघ के पदाधिकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत सचिव गांवों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सचिवों को शासकीयकरण नहीं किया गया, तो हड़ताल और उग्र रूप ले सकती है।  

अब देखना होगा कि सरकार पंचायत सचिवों की इस मांग पर क्या निर्णय लेती है और हड़ताल कब तक जारी रहती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ