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तकनीकी शिक्षा का मजाक! 48 छात्रों के लिए सिर्फ 2 कंप्यूटर, कौन है जिम्मेदार?

NBPNEWS/मोहला मानपुर, 18 मार्च 2025। आदिवासी बाहुल्य मोहला मानपुर में विद्यार्थियों से शिक्षा छीना जा रहा है, कहने को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान है पर कंप्यूटर मात्र दो हैं।आई टी आई प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।                                           जिले के मानपुर विकासखंड में स्थित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के छात्र-छात्राओं ने कंप्यूटर की कमी को लेकर आज दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात की। छात्रों ने अपनी समस्या रखते हुए बताया कि संस्थान में कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (कोपा) ट्रेड में कुल 48 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन उनके प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के लिए मात्र दो कंप्यूटर उपलब्ध हैं। इससे उन्हें अपनी पढ़ाई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।  

   **कंप्यूटर की कमी से बाधित हो रही पढ़ाई**
छात्रों का कहना है कि उन्होंने कई बार संस्थान के प्राचार्य से कंप्यूटर की संख्या बढ़ाने की मांग की, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। संस्थान में पर्याप्त कंप्यूटर न होने के कारण छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल सीखने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।  

    **कलेक्ट्रेट में छात्रों की अपील**  
आज दोपहर लगभग 1 बजे आईटीआई के छात्र-छात्राओं का एक समूह कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर तूलिका प्रजापति से मुलाकात कर कंप्यूटर की संख्या बढ़ाने की मांग की। छात्रों ने बताया कि तकनीकी शिक्षा में प्रैक्टिकल का अधिक महत्व होता है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी स्किल डेवलपमेंट पर असर पड़ रहा है।  

 **कलेक्टर ने दिया उचित कार्रवाई का आश्वासन**  
छात्रों की मांग पर कलेक्टर तूलिका प्रजापति ने गंभीरता से विचार किया और उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ये भी कहा कि मानपुर महाविद्यालय की कंप्यूटर लैब में वैकल्पिक तौर पर कक्षा संचालित करेंगे।

 **तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने की जरूरत**  
मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिला में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों का उचित वितरण आवश्यक है। छात्रों का कहना है कि अगर समय पर कंप्यूटर उपलब्ध नहीं कराए गए तो उनकी पढ़ाई और भविष्य पर असर पड़ सकता है।  

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी कदम उठाता है और छात्रों की मांग पूरी होती है या नहीं।

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