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मोहला पंचायत चुनाव में पैसों का बंदरबांट, हार के बाद प्रत्याशी मांग रहे पैसा वापस


NBPNEWS/ मोहला, 9 मार्च 2025। मोहला ग्राम पंचायत में उप सरपंच पद के चुनाव में जमकर पैसों का लेन-देन हुआ। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के दौरान कई प्रत्याशियों ने वार्ड पंचों को समर्थन के बदले मोटी रकम दी थी। लेकिन जब वे चुनाव हार गए, तो अब अपने दिए हुए पैसे वापस मांगने में जुट गए हैं। इस घटनाक्रम से पंचायत चुनाव की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।  

### **वार्ड पंचों को मिले लाखों, हारने वाले प्रत्याशी कर रहे रिकवरी की कोशिश**  
सूत्रों के अनुसार, उप सरपंच बनने के लिए कुछ प्रत्याशियों ने वार्ड पंचों को दस दस हजार से लेकर तीस तीस हजार रुपये बांटे। इस तरीके से एक एक वार्ड पंचों को लगभग पचास - पचास हजार रुपए तक मिल गए है, कुछ पंचों ने इस चुनाव को अपनी ‘साल भर की सैलरी’ के रूप में देख लिया। लेकिन जब प्रत्याशियों को उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिले और वे हार गए, तो उन्होंने अपने पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए। इससे गांव में तनाव बढ़ने लगा है, और कुछ मामलों में कहासुनी और विवाद की स्थिति भी बनी है।  

### **भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकता है विकास कार्य**  
स्थानीय लोग आशंका जता रहे हैं कि इस तरह की धनबल की राजनीति पंचायत के विकास कार्यों को प्रभावित कर सकती है। चुनाव में किए गए ‘इन्वेस्टमेंट’ की भरपाई के लिए निर्माण कार्यों में अनियमितताएं हो सकती हैं। मसलन, सीसी रोड की मोटाई कम की जा सकती है सी सी रोड़ जो कि 6 से 8 इंच मोटाई होती उसे कम कर सकते है साथ ही तीन फीट की चौड़ाई को भी कम कर सकते हैं, नालियों का निर्माण अधूरा रह सकता है, बाजार शेड और मनरेगा के कार्यों में भी कटौती संभव है। जब वार्ड पंच खुद ही बिक गए हैं, तो क्या वे विकास कार्यों में गड़बड़ी का विरोध कर पाएंगे?  

### **प्रशासन की भूमिका पर सवाल**  
इस पूरे मामले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनाव के दौरान पैसों के लेन-देन पर कोई निगरानी नहीं रखी गई, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में पंचायत चुनावों की निष्पक्षता खत्म हो जाएगी।  

### **क्या पंचायत चुनाव अब सिर्फ पैसों का खेल बनकर रह गया है?**  
गांव के जागरूक नागरिकों का मानना है कि यदि पैसों का यह खेल जारी रहा, तो योग्य और ईमानदार प्रत्याशी कभी चुनाव नहीं जीत पाएंगे। पंचायत चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वरना, यह भ्रष्टाचार आगे चलकर पूरे पंचायत तंत्र को जड़ से खोखला कर सकता है।

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1 टिप्पणियाँ

  1. धांधली का खेल पिछले 5 साल से हो रहे हैं वार्ड पंच बानो जगह कब्जा करो जगह कब्ज करवाओ और मोटी रकम को या फिर अवैध कब्जा करके पक्का बिल्डिंग बना लो

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