NBPNEWS/मोहला/27अक्टूबर: नवगठित जिला मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी के ग्राम कुंजामटोला की बेटी उर्वशी कोर्राम ने छत्तीसगढ़ को अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में गौरवान्वित किया। मोहला वनमंडल अंतर्गत अम्बागढ़ चौकी में वनरक्षक के पद पर कार्यरत उर्वशी जो कि जवाहर नवोदय डोंगरगढ़ से पास आउट ने रायपुर में आयोजित इस प्रतियोगिता में बास्केटबॉल में अपनी टीम के साथ स्वर्ण पदक जीता, जिससे न केवल उनके जिले, बल्कि पूरे राज्य को गर्व हुआ है। इस उपलब्धि पर वन कर्मचारी संघ और उनके परिवारजनों ने उन्हें बधाइयां दीं।
उर्वशी और उनकी टीम पिछले तीन वर्षों से सिल्वर मेडल तक ही सीमित रही थी। लेकिन इस बार उनकी मेहनत और दृढ़ता ने उन्हें फाइनल में हिमाचल प्रदेश की टीम को 67-61 अंकों के अंतर से हराकर गोल्ड मेडल तक पहुंचाया। इस जीत के साथ उन्होंने यह साबित कर दिया कि तैयारी और आत्मविश्वास से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
मेजबान छत्तीसगढ़ 16 से 20 अक्टूबर तक रायपुर में आयोजित पांच दिवसीय 27वीं अखिल भारतीय वन खेल प्रतियोगिता 2024 में देशभर से 44 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 2920 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। छत्तीसगढ़ ने 97 गोल्ड, 44 सिल्वर और 33 ब्रॉन्ज पदक कुल 174 पदक जीतकर ओवरऑल चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। प्रतियोगिता की उद्घाटन समारोह में भारतीय टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव और समापन में ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। कार्यक्रम के बाद बोलते हुए मनु भाकर ने आशा व्यक्त की कि छत्तीसगढ़ भविष्य में ओलम्पियन पैदा करेगा। उन्होंने ओलंपिक में देश के निराशाजनक प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास की कमी है। उन्होंने खिलाड़ियों की मनोवैज्ञानिक ताकत बढ़ाने के लिए मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं लेने के महत्व पर जोर दिया।
प्रतियोगिता में 23 खेलों के 300 इवेंट शामिल थे, जिनमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, भारोत्तोलन, कैरम, तैराकी, तीरंदाजी, कबड्डी, क्रिकेट, फुटबॉल और वॉलीबॉल शामिल थे, जिनमें व्यक्तिगत और टीम दोनों तरह के इवेंट शामिल थे।
27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता ने न केवल खिलाड़ियों के कौशल को निखारा, बल्कि विविध संस्कृतियों, विचारों और भावनाओं के प्रति आपसी सम्मान को भी बढ़ावा दिया।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता 1992 से आयोजित की जा रही है, और इस बार छत्तीसगढ़ में तीसरी बार इसका आयोजन हुआ। यह प्रतियोगिता वनों के संरक्षण और वन विभाग के कर्मचारियों में खेल भावना का विकास करने के उद्देश्य से की जाती है, जिसमें वनरक्षक से लेकर उच्च अधिकारी भी शामिल होते हैं।
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