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हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के शोधकर्ता संदीप कुमार ने जल प्रदूषण रोकने की कारगर विधि पर शोध पूरा किया

NBPNEWS/09 सितम्बर/दुर्ग:
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के शोधकर्ता संदीप कुमार ने जल प्रदूषण रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण शोध किया है। 9 सितंबर 2024 को संदीप कुमार ने पीएचडी की अंतिम मौखिक प्रस्तुति दी और उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। संदीप कुमार ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय, दुर्ग में रसायन शास्त्र विभाग की पूर्व प्राध्यापक डॉ. अलका तिवारी के मार्गदर्शन में शोध कार्य पूर्ण किया।
वर्तमान में संदीप कुमार स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय, दुर्ग में सहायक प्राध्यापक एवं रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। उनकी पीएचडी प्रस्तुति में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्राध्यापक डॉ. ए. पी. मिश्रा बाहरी परीक्षक के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पलटा सहित विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ प्राध्यापक और शोधार्थी भी मौजूद थे।
संदीप कुमार ने अपने शोध के दौरान भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई की एक परियोजना में गामा रेडिएशन के उपयोग से टेक्सटाइल उद्योग से निकलने वाले रंगीन और हानिकारक पदार्थों को जल से अलग करने की तकनीक विकसित की। इन रंगीन पदार्थों के कारण कैंसर, लीवर, मस्तिष्क और प्रजनन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने चिटिन (चितोसन) से अधिशोषक का निर्माण कर इस समस्या का समाधान प्रस्तुत किया।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञों, डॉ. वाय. के भारद्वाज, डॉ. सी. वी. चौधरी, डॉ. आर. के. मंडल और डॉ. झिमली पाल ने उनके शोध में महत्वपूर्ण योगदान दिया। संदीप कुमार ने बताया कि उनका यह शोध जल प्रदूषण को कम करने में भविष्य में अत्यधिक उपयोगी साबित होगा। उन्होंने अपने शोध से जुड़े कई पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित किए हैं। 
संदीप कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गाइड डॉ. अलका तिवारी, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के सहयोगियों, और अपने परिवार को दिया है, जिन्होंने उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किया।

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