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**प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मोहला में लगातार बढ़ रहा डायरिया का आतंक - बच्चो से मिले जिला सर्व आदिवासी समाज मोहला के पदाधिकारीगण**

NBPNEWS/ 24 अगस्त 2024: मोहला जिला मुख्यालय के प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास में अध्ययनरत दो छात्राओं की संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर मौत के बाद से लगातार छात्रवास में डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ते ही जा रही है, शुक्रवार को भी 2 बच्चे हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहला में भर्ती वहीं बच्चों को मिलता है गर्म पानी और ताजा भोजन क्या ये प्रायोजित तो नहीं?
## **सर्व आदिवासी समाज पहुंचा छात्रवास**

उल्लेखनीय है कि प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मोहला में अध्यनरत कक्षा सातवीं की छात्रा मान्यता अमरिया मोहड अंबागढ़ चौकी निवासी तथा मानपुर विकास खंड के परालझरी निवासी सपना जाडे का हॉस्टल से घर लौटने के उपरांत रक्षाबंधन की रात मौत हो गई थी । जिसकी खबर एनबीपी न्यूज ने प्रमुखता से दिखाया था, सूत्रों के अनुसार उक्त विषय को संज्ञान लेते जिला सर्व आदिवासी समाज की स्थानीय मुख्यालय की पांच सदस्यीय जांच टीम शुक्रवार को पहुंची प्री व पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मोहला में बच्चों से बात कर मृत बच्चो की जानकारियां जुटाई व उनकी समस्याएं भी सुनी। 
समाज मृत बच्चों के सहपाठियों व रूममेट से बात कर जाना की बच्चे मान्यता अमरिया व सपना जाड़े पूर्व में नहीं थे बीमार, 17 अगस्त को रक्षाबंधन छुट्टी की घोषणा पर परिजन पहुंचे थे घर ले जाने को। बच्चों का कहना है की उन्हें पीने को गर्म पानी, ताजा भोजन और नहाने को ताजा पानी मिलता है व रहती है साफ- सफाई उसके बावजूद सामाजिक टीम के जांच उपरांत संध्या कालीन वापिस लौटना और रात्रि कालीन 9 बजे दो बच्चे रीना यादव 14 वर्ष और कुलेश्वरी नेताम 14 वर्ष दोनो नवमी कक्षा में अध्यनरत हैं उनका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहला में डायरिया के कारण भर्ती होना, सवाल खड़ा करता है, कहीं ये प्रायोजित तो नहीं? रक्षाबंधन के दिन घटे घटना को लेकर आज पूरे चार दिन हो चुके हैं इस बीच में सामाजिक,प्रशासनिक और मीडिया के सवालों से बचने के लिए बच्चों को रटाया तो नहीं गया होगा?
                                
##**बीमार बच्चों को सौंपा जा रहा परिजन को**

बरहाल डायरिया से ग्रसित 2 बच्चो का इलाज चल रहा है व उनके पालकों को सूचना दे दी गई है। बुधवार को भी चार छात्राए हुए थे डायरिया के शिकार ईलाज उपरांत परिजनों को बुला बच्चो को सौंपा गया।
                       वही वार्डन श्रद्धा देशमुख बच्चो पर घटना उपरांत नजर रख रही हैं, लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल लेकर एडमिट करवा रही हैं साथ ही परिजनों को सूचित करना।
##**बिजली की समस्या से जुझ रहे हैं छात्राएं**

बच्चों ने समाज के पदाधिकारियों को, हॉस्टल वार्डन के जाने के बाद बताया कि हॉस्टल में बिजली की समस्या लम्बे समय से बनी हुई है, डीम लाइट (कम रौशनी) में बच्चों को पढ़ाई करना पड़ता है, कम रौशनी के कारण बच्चों के आंखों में प्रभाव पड़ रहा है। ये जिला मुख्यालय के हॉस्टल की हालत हैं, तो बाकी जगह की क्या स्थिति हो सकती है ये आप समझ सकते हैं।
## **प्रशासन की उदासीनता**

दो छात्राओं की मौत के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। आखिर कब होगी जांच?

## **डायरिया का प्रकोप या कुछ और?**

बच्चो के मौत के जो लक्षण दिखाई दिए वो डायरिया के थे और उन कारणों पर अगर गौर किया जाए, तो यह संदेह जन्म लेता है कि कहीं दो छात्राओं की मौत का कारण भी यही तो नहीं था। आखिर कब होगी खान पान, हॉस्टल और पीने के पानी की जांच?

इस पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग जोर पकड़ रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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