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प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास की छात्राओं का संदिग्ध परिस्थितियों में हुई घर में मौत: डायरिया का प्रकोप या प्रशासन की लापरवाही या है अन्य कारण?

NBPNEWS/23 अगस्त 2024/मोहला जिला मुख्यालय के प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास में अध्ययनरत दो छात्राओं की संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर मौत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 8 अगस्त के बाद छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं होने के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता और 45 छात्राओं का हॉस्टल में अनुपस्थित होना संदेह को और बढ़ा देता है।
## **घटनाक्रम की पड़ताल**

उल्लेखनीय है कि प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मोहला में अध्यनरत कक्षा सातवीं की छात्रा मान्यता अमरिया मोहड अंबागढ़ चौकी निवासी तथा मानपुर विकास के पारलझरी निवासी सपना जाडे का हॉस्टल से घर लौटने के उपरांत रक्षाबंधन की रात मौत हो गई। दो-दो होनहार छात्राओं की मौत से पर्दा उठाते हुए गांव में निवासरत आदिवासी किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले परिजनों ने बताया कि हॉस्टल से ही मिले संक्रमण से ही उल्टी दस्त शुरू हुआ था वे लोग अपने अपने गांव में जैसे तैसे बच्चियों का इलाज करा रहे थे इसी दौरान उनकी मौत हो गई। इधर मौत के दो दिनों तक वार्डन सहित आदिम जाति कल्याण विभाग छात्राओं की मौत को दबाए रखा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना भी नहीं दी गई ।
                       उल्टे वार्डन श्रद्धा देशमुख सातवीं कक्षा की छात्रा मान्यता की मौत हार्ट अटैक तथा दसवीं कक्षा की छात्रा सपना की मौत झोलाछाप डॉक्टर से करवाने से होने का दलील दे रही है इन सबके बीच दो दो आदिवासी छात्राओं की मौत में जांच तो दूर मौत के तीन दिन बीत जाने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी परिवार को ढांढस बंधाने उनके घर भी नहीं पहुंच पाए हैं।

## **त्योहार के बाद 45 छात्राएं क्यों अनुपस्थित?**
हॉस्टल में कुल 104 छात्राओं में से 45 छात्राएं रक्षाबंधन के बाद अभी तक हॉस्टल नहीं लौटी हैं। यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है जब पता चलता है कि 4 छात्राएं डायरिया से पीड़ित पाई गईं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अन्य अनुपस्थित छात्राएं भी इसी संक्रमण से प्रभावित हैं?
## **प्रशासन की उदासीनता**

दो छात्राओं की मौत के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। मौत के तीन दिन बाद भी न तो पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए कोई अधिकारी पहुंचा और न ही किसी तरह की जांच शुरू की गई। इससे प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
## **डायरिया का प्रकोप या कुछ और?**

बच्चो के मौत के जो लक्षण दिखाई दिए वो डायरिया के थे और उन कारणों पर अगर गौर किया जाए, तो यह संदेह जन्म लेता है कि कहीं दो छात्राओं की मौत का कारण भी यही तो नहीं था। क्या हॉस्टल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, क्या खान पान में गड़बड़ी या गंदे पानी का सेवन के चलते अन्य छात्राओं की जान भी खतरे में है?
इस पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग जोर पकड़ रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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