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आदिवासी कन्या छात्रावास की दो छात्राओं की संदिग्ध मौत और छात्रावास में बढ़ते डायरिया का प्रकोप - होगी जल्द जांच एसडीएम मोहला

NBPNEWS/ 22 अगस्त 2024 : छत्तीसगढ़ के मोहला जिले में स्थित प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मोहला में पढ़ने वाली दो छात्राओं की रक्षाबंधन के दिन संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना ने न केवल छात्रावास में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, उक्त घटना के बाद लगातार छात्रावास में बढ़ रहे है डायरिया के मरीज़ वहीं छात्रावास के पेयजल की गुणवत्ता पर भी शक की सुई टिक गई है।

### संदिग्ध मौत और परिजनों की चिंता

अंबागढ़ चौकी निवासी सातवीं कक्षा की छात्रा मान्यता अमरिया और मानपुर विकासखंड के परालझरी की दसवीं कक्षा की छात्रा सपना जाड़े, दोनों 17 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर अपने घर लौटी थीं। त्योहार की खुशी में घर पहुंचने के कुछ ही घंटों के भीतर दोनों की अचानक मौत हो गई। इस अप्रत्याशित घटना से आदिवासी किसान परिवारों में गहरा शोक छा गया है, और वे समझ नहीं पा रहे हैं कि उनकी बेटियों की मौत कैसे हो गई।
### पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, प्रशासन की भूमिका पर सवाल

हॉस्टल वार्डन श्रद्धा देशमुख ने दावा किया कि मान्यता की मौत हार्ट अटैक से हुई और सपना की मौत झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के कारण हुई। हालांकि, इन दावों के बावजूद, दोनों छात्राओं का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। आदिम जाति कल्याण विभाग ने भी इस घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दो दिनों तक नहीं दी, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
### लगातार बढ़ रहे है डायरिया के मरीज़

उक्त घटना के बाद भी डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, बुधवार को आदिवासी छात्रावास से चार डिंपल/ पिता नारायण सिंह 13 वर्ष, सोनी /पिता वेद राम 14 वर्ष कुसलमा/पिता इतवारी राम 14 वर्ष और थामेश्वरी/पिता टाकेश्वर 13 वर्ष आदिवासी डायरिया के मरीज मिले जिनका इलाज स्वास्थ्य केंद्र मोहला में हो रहा है, अब तक बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 
                        एक ओर डायरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वही दो बच्चो की संदिग्ध मौत, कहीं उन्हें भी डायरिया ने अपने चपेट में तो नहीं ले लिया या कोई और है अन्य राज़?

### हॉस्टल की स्थिति पर सवाल, पानी की गुणवत्ता पर हो जांच

इस घटना के बाद, छात्रावास में रहने वाले अन्य बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहन चिंता व्यक्त की जा रही है
छात्रावास में पेयजल की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से हॉस्टल में उपलब्ध पानी की गुणवत्ता की तुरंत जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।

### जांच के आदेश

एसडीएम हेमेंद्र भूआर्य ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग है कि जांच निष्पक्ष और गहन होनी चाहिए, जिससे सही कारणों का पता लगाया जा सके और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके। साथ ही, हॉस्टल में रहने वाले अन्य बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए तत्काल कदम उठाए जाएं।

यह घटना आदिवासी समाज के लिए एक बड़ा धक्का है और उनके विश्वास को हिला देने वाली है। ऐसी घटनाओं से न केवल बच्चों की सुरक्षा, बल्कि समाज में उनकी सुरक्षा के प्रति विश्वास की भी जांच होती है। प्रशासन को इस मामले में संवेदनशीलता और सतर्कता दिखानी होगी।

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