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मोहला के हेरकुटुम्ब जंगल में लगी आग, भाजयुमो अध्यक्ष देव प्रसाद ने बुझाने का किया प्रयास

NBPNEWS/मोहला, 22 मार्च 2025। शनिवार की रात मोहला के हेरकुटुम्ब जंगल में आग लग गई, जिससे लगभग 2-3 एकड़ का क्षेत्र जलकर राख हो गया। आग की लपटें तेजी से फैल रही थीं, लेकिन दूसरे दिन सुबह मौके पर पहुंच भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष "देवप्रसाद नेताम" ने आग बुझाने का प्रयास किया। उन्हें देख राहगीरों ने भी सहयोग किया, जिससे आग को और अधिक फैलने से रोका जा सका।  
 **जंगल में आग लगने के कारण और नुकसान**  
हर साल गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। कई बार यह आग प्राकृतिक कारणों से लगती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह मानवजनित होती है। जंगलों में आग लगाने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:  
जिला भाजयुमो अध्यक्ष देवप्रसाद नेताम

1. **महुआ बीनने के लिए आग लगाना** – गर्मी के मौसम में महुआ के फूल झड़ते हैं, जिसे साफ जमीन पर आसानी से इकट्ठा करने के लिए लोग जंगलों में आग लगा देते हैं। इससे छोटे पौधे और अन्य वनस्पति नष्ट हो जाते हैं।  
2. **तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए आग** – तेंदूपत्ता तोड़ने से पहले जंगलों में आग लगाई जाती है ताकि पुराने पत्ते जल जाएं और नए पत्ते आसानी से दिख सकें। यह जंगलों को बड़ा नुकसान पहुंचाता है।  

3. **शिकार के लिए आग लगाना** – शिकारी अक्सर पहाड़ों और जंगलों में आग लगाकर जानवरों को भागकर शिकार करते हैं, जिससे जंगलों में भारी नुकसान होता है और वन्यजीवों का जीवन खतरे में पड़ता है।  
4. **जंगल जमीन पर कब्जे के लिए आग लगाना** – कई लोग जंगल की जमीन पर कब्जा करने के लिए बड़े पैमाने पर आग लगाते हैं ताकि वहां खेती की जा सके। यह हजारों एकड़ जंगल के नष्ट होने का कारण बनता है।  

### **पर्यावरण और वन्यजीवों को भारी नुकसान**  
जंगल में आग लगने से पर्यावरण को गंभीर क्षति होती है। छोटे पौधे और झाड़ियां पूरी तरह जल जाती हैं, जिससे जैव विविधता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे इंसानों और पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही, जंगलों में रहने वाले जानवरों का प्राकृतिक आवास खत्म हो जाता है और कई बार वे आग में झुलसकर मर जाते हैं।  
**कड़ी कार्रवाई की जरूरत**  
बार-बार लगने वाली आग को रोकने के लिए प्रशासन और वन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए और आग बुझाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।  
आप सभी से अपील है कि जंगलों को आग से बचाने में सहयोग करें, वन विभाग के साथ साथ सभी नागरिकों की बराबर जिम्मेदारी है, ताकि पर्यावरण का संतुलन बना रहे और हमारी प्राकृतिक संपदा सुरक्षित रहे।

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