NBPNEWS/8 नवंबर/मोहला मानपुर:खड़गांव थाना क्षेत्र में नाबालिग के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया। 5 नवंबर को पीड़िता ने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया कि 3 नवंबर की सुबह शौच के लिए जंगल गई नाबालिग का गाँव के ही एक युवक सुनील नेताम ने पीछा किया और उसके साथ जबरदस्ती अनाचार किया।
आपको बता दे कि पीड़िता के कथन अनुसार दिनांक 03.11.2024 को पीडिता लगभग 09:30 बजे अपने पापा को खाना दी उसके बाद वह शौच करने के लिए तेदु डोगरी जंगल गई थी और लगभग 09:30 बजे से 10:30 बजे के बीच में सुनील नेताम पीडिता नाबालिक है, यह जानते हुए भी उसका पीछा करते हुए उसके पास आया और हाथ को पकडने लगा और पीड़िता ने मना की , तो आरोपी ने पीडिता के साथ तेदु डोगरी जंगल में जबरदस्ती अनाचार किया, उसके बाद आरोपी ने पीड़िता से बोला कि यदि किसी को बतायेगी तो उसे जान से मार दुगा l फिर वहां से आरोपी चला गया।
घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने के कारण पीड़िता ने 4 नवंबर की शाम को ही अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज पीड़िता की लिखित शिकायत पर दिनांक 05.11.2024 को थाना खडगांव में अपराध क्रमांक 76/2024 धारा 65, 351(3) बी0एन0एस0, 04 पाक्सो एक्ट कायम कर विवेचना कार्यवाही कर आरोपी की खोज शुरू की और 7 नवंबर को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
जिला पुलिस अधीक्षक वाय. पी. सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में इस गंभीर मामले में तेजी से कार्रवाई हुई। पुलिस ने ग्रामीणों को जागरूक करने, संवाद स्थापित करने और बढ़ते यौन शोषण के मामलों को रोकने के लिए कदम उठाने का संकल्प लिया है।
जिले के खड़गांव थाना क्षेत्र में लगातार यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं, जिसे रोकने के लिए पुलिस और ग्रामीणों को कंधे से कंधा मिलाकर उक्त विषय में काम करने की जरूरत है, वही अपराध दर्ज होने पर पुलिस कार्यवाहियां कर रही है।
यौन शोषण को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. **शिक्षा और जागरूकता**: बच्चों, किशोरों, और वयस्कों को यौन शोषण के बारे में जागरूक करें और उन्हें इसके खतरों, संकेतों और सुरक्षा उपायों की जानकारी दें। स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यस्थलों पर यौन शिक्षा और लैंगिक संवेदनशीलता के बारे में कार्यशालाएं आयोजित की जा सकती हैं।
2. **सुरक्षा उपाय और निगरानी**: कार्यस्थलों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा उपाय जैसे सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षा गार्ड और महिला सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
3. **सशक्तिकरण और आत्मरक्षा**: महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जाएं, ताकि वे किसी भी ख़तरे का सामना कर सकें।
4. **सामाजिक समर्थन और परामर्श**: यौन शोषण के शिकार व्यक्तियों के लिए उचित परामर्श और मानसिक समर्थन प्रणाली उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि वे इस सदमे से बाहर आ सकें।
ये सभी उपाय मिलकर एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज की स्थापना में मदद कर सकते हैं।
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