इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लाल श्याम शाह जी के पौत्र श्री लाल लक्षमेंद्र शाह जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय की जनभागीदारी अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह जी ,स्रोत वक्तव्य के रूप में अध्यक्ष नागवंशी गोंड समाज मोहला श्री रमेश हिडामें जी, राजिम शाह मरकाम व्याख्याता एवं अन्य अतिथि उपस्थित रहें । इस कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जी. के. जोशी जी के द्वारा की गयी । कार्यशाला की शुरुआत में सर्वप्रथम वीर क्रांतिकारी शहीद श्री बिरसा मुंडा , वीरांगना रानी दुर्गावती , मोहला मानपुर क्षेत्र के ज़मीदार स्व. लाल श्याम शाह जी , छतीसगढ़ महतारी के शैल चित्र पर अतिथियों के द्वारा माल्यार्परण एवं दीपक प्रज्वलित किया गया। महाविद्यालय परिवार की ओर से अथितियों का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं पीला गमछा भेंट कर किया गया ।
इसके पश्चात प्रोजेक्टर के माध्यम से जनजातिय संस्कृति से जुड़ी हुई लघु चित्र कथा भी दिखाई गई । स्वागत भाषण के रूप में डॉ.मीनू रमन ने जनजातिय महापुरुषों के जीवनी को संक्षिप्त में बताया।कार्यक्रम के इस क्रम में आगे की ओर महाविद्यालय की बीएससी अंतिम की छात्रा कुमारी कंचन उइके के द्वारा रिलो गीत प्रस्तुत किया गया। श्रीमती नम्रता सिंह (जनभागीदारी अध्यक्ष कन्या महाविद्यालय) ने बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारी का उदाहरण देकर समाज को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरणा दी। इसी क्रम में राजिम शाह मरकाम (व्याख्याता पानाबरस) ने जनजातिय राजाओं के इतिहास को बताया। श्री योगेंद्र सिंह ने जी ने कहा कि वर्तमान में जनजातीय समाज खेल व पढ़ाई के क्षेत्र में अग्रणी है, जिसके लिए जनजाति महापुरुषों ने कई संघर्ष किये थे। इसके पश्चात राजा लाल लक्षमेंद्र शाह जी द्वारा बहुत ही सारगर्भित सन्देश विद्यार्थियों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया जिसमें विद्यार्थियों को जनजातियों की शौर्य गाथा का वर्णन किया।
कार्यशाला के एक दिवस पूर्व 13 / 11 / 2024 दिन मंगलवार को महाविद्यालय में रंगोली एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता में भाग लिए प्रतिभागियों को प्रथम , द्वितीय , तृतीय रूप में मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के हाथों द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया । कार्यक्रम के अगले क्रम में शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय के बीएससी प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा सुवा नृत्य का सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । स्व. लाल श्याम शाह शासकीय नवीन महाविद्यालय के बीए प्रथम सेमेस्टर के शालिनी एवं चतुर द्वारा युगल नृत्य तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों द्वारा बिरसा मुंडा ( मैं आदिवासी हों ) नृत्य प्रस्तुत किया गया ।
नागवंशी गोंड समाज के अध्यक्ष रमेश हिड़ामें जी ने कहा कि जनजातिय संस्कृति, परंपरा ,प्रथा ,रीति ,नीति आदिकालीन है, भाषा ही संस्कृति का निर्माण करती है जो व्यक्ति और समाज को जोड़ने का कार्य करती है। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में सभी अतिथियों का लाल श्याम शाह शासकीय नवीन महाविद्यालय एवं शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका अभिवादन किया गया। समापन भाषण में डॉ. रीना कोमरे ने जनजातिय समाज में अध्यात्म के रूप में प्रकृति का महत्व बताते हुए जनजातीय परंपरा में समाहित प्राकृतिक संरक्षण पर चर्चा की। डॉ. अमित गुप्ता जी ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.आकृति देवांगन ने किया।
अंत में इस एक दिवसीय कार्यशाला के संयोजक श्री रूपलाल मंडावी सहायक प्राध्यापक (गणित)ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत - ऐतिहासिक , सामाजिक , आध्यात्मिक विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला के अध्यक्ष डॉ. जी. के. जोशी द्वारा कार्यक्रम में सफलतापूर्वक आयोजन हेतु महाविद्यालय के सभी सहायक प्राध्यापक , अतिथि व्याख्याता , अतिथि सहायक शिक्षण , एवं कार्यालियन कर्मचारी गण व कार्यक्रम के उपस्थिति सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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