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मोहला बंद रहा मंगलवार को, जिला कार्यालय उचित स्थान पर बनवाने की मांग पर रहा आंशिक शटर बंद


NBPNEWS/02 अक्टूबर/मोहला मानपुर अं चौकी: एक दिवसीय मोहला बंद कर जिला संघर्ष समिति और छेत्र वासियों ने प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया की जिला कार्यालय का भवन निर्माण सर्व सुविधा उक्त जगह पर बने।
              जिला संघर्ष समिति के सचिव रमेश हिड़ामे ने बताया कि,न्यायलय तहसीलदार मोहला द्वारा संयुक्त जिला कार्यालय भवन हेतु जगह माडिंग पीडिंग धेनु खसरा नं 377 और 378 के विषय को लेकर इस्तिहार जारी किया गया है, इस विषय में जिला संघर्ष समिति और छेत्र वासी हमेशा से मांग करते आए है, कि भवन सर्व सुविधा युक्त जगह, जो ग्राम सभा मोहला द्वारा प्रस्तावित खसरा नं 199/1 में बने जो नीलगिरी डिपो के नाम से जाना जाता है या उस जगह पर बने जंहा वर्तमान जिला कार्यालय है या फिर धोबेदंड मार्ग पर निर्माण हो।  
हिड़ामे ने बताया की इस्तिहार के विषय में बीते कल मंगलवार को मोहला बंद कर विरोध दर्ज कराया गया।    
जिसमे एक दिवसीय बंद में मोहला व्यापारियों ने बंद का समर्थन करते हुए दुकानें बंद रखा। रमेश हिड़ामे का कहना है, कि माडिंग पीडिंग में कार्यालय बनने से औंधी, कोरचाटोला जैसे दूरस्थ छेत्र से ग्रामीण आएंगे मोहला बस स्टैंड से माडिंग पीडिंग पैदल 3 किलोमीटर जाना पड़ेगा जिसमे 2.5 किलोमीटर में जंगल है, ऐसे में अनहोनी लूटपाट जैसे अराजकता बढ़ सकता है। छेत्र वासी उतना भी सक्षम नहीं है,की स्वयं की गाड़ी व्यवस्था कर जिला कार्यालय तक जा पाए। आगे की रणनिति पर कहना है की अभी चार अक्टूबर तक ग्रामीण आपत्ति दर्ज करा रहे है, आगे 15 दिनों तक इंतजार करेंगे प्रशासन के फैसलों का,अगर निर्णय सही नही रहा तो समिति बैठक कर आगे रणनिति बनाएगी।

**माडिंग पीडिंग के ग्रामीणों का क्या है कहना**
 
माडिंग पीडिंग धेनु के ग्रामीणों का कहना है की बीस से ज्यादा परिवार है, जिनका घर, खेत खसरा नंबर 377 और 378 में आता है, जिसमे 4- 5 पीढ़ियों से निवास कर खेती करते आ रहे हैं। अगर कार्यालय वहा बनता है, तो उनसे उनका आशियाना छीन जाएगा खेती बाड़ी भी छीन जाएगी।
        
    **आंशिक रूप से दुकानें खुली**

मंगलवार सुबह से ही दुकानें बंद रही,मेडिकल को छोड़ , 10 बजे कुछ दुकानें आंशिक रूप से खुली, वही बारह बजे तक व्यापारी एक - दूसरे को देख कर दुकानें खोलने लगे। 2 बजे ज्ञापन देकर सारे दुकानें खोलने का जानकारी व्यापारी संघ के अध्यक्ष को दे दिया गया।

**छोटे दुकानदारो में रोष**

जिला संघर्ष समिति की आग्रह पर व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं, लेकिन कुछ दुकानदार 10 बजे के बाद दुकानें खोले, जिससे लघु व्यापारी जो कच्चा माल रखते हैं जिनका प्रतिदिन की व्यापार से चूल्हा जलता है, सूत्रों की माने तो लघु व्यापारी शाम होते होते आक्रोशित हो आए, की उनके हित में बड़े व्यापारी साथ नही देते हैं कहीं- कहीं व्यापारी संघ में गुट बाजी की बू आने लगी की ठेले वाले, सब्जी वाले, छोटे छोटे दुकानदार और रेहड़ी वाले अलग यूनियन की बात कहने लगे। बरहाल सब अपने अपने विवेक से बंद का समर्थन दिए थे।
**जिला मुख्यालय मोहला में जमीन की कमी का मुद्दा आम**

जिला मुख्यालय मोहला में सीलिंग जमीन जो बिकती है, बड़े झाड़ छोटे झाड़ की जंगल जमीन और राजस्व जमीन में बसावट है, चूंकि फॉरेस्ट जमीन की बहुताय से कार्यालय बनाने की समस्या बनी रहती है, जिसकी वजह से ग्राम सभा मोहला ने खसरा क्रमांक 199/1 जो की पब्लिक फारेस्ट है जिसे मद परिवर्तन किया जा सकता है, सर्व सुविधा युक्त जगह का चुनाव करी है। उसके बावजूद प्रशासन इसे आगे बढ़ाने में असमर्थ दिखाई दे रही है।
**मोहला में होता है, बड़े झाड़ छोटे झाड़ जंगल जमीन का प्रमाणीकरण**

प्रशासन मोहला में ही बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जमीन को खरीदी बिक्री करने का प्रावधान ला कर आसवैधानिक तरीके से प्रमाणीकरण कर सकती है, वही उच्च अधिकारियों का कहना है कि प्रमाणीकरण में त्रुटि है।

सीलिंग जमीन जिसे खरीदी बिक्री नहीं की जा सकती है, उसे बेचने का प्रावधान ला कर मोहला में 50 खसरा से 213 खसरा में बिक्री कर बदल सकती है, जबकि जिले के अन्य जगह अं चौकी, रेंगाकठेरा, भनसुला, गोटाटोला, पानाबरस, औंधी, सेमरबांधा की सीलिंग जमीनें आज तक सुरक्षित है। तो फिर जिला कार्यालय बनाने के लिए बड़े झाड़, छोटे झाड़ जमीन कैसे बाधा उत्पन्न कर सकती है, इस पर प्रावधान क्यों नहीं लाया जा सकता है। क्या सर्व सुविधा जगह छेत्रवासियो के हिसाब बनाना गलत है। क्या ये सुविधाएं चंद लोगो को राजस्व देती है । वही अगर सीलिंग की जमीनें सुरक्षित होती तो कार्यालयों के निर्माण में कारगर होता।

**प्रमाणीकरण रुका मोहला में सालों से**

इधर राजस्व प्रशासन जमीनों की रजिस्ट्री करते आ रही है, पर प्रमाणीकरण देने में कतरा रही है। जबकि रजिस्ट्री उपरांत 90 दिवस में प्रमाणीकरण करना होता है जो की लगभग 2 साल से रुका हुआ है। क्या राजस्व विभाग अधिकार अभिलेख के बावजूद प्रमाणीकरण को रोक रही है? क्या विभाग रजिस्ट्री कर तिजोरी भरने में तो नही लगी है। वही प्रमाणीकरण रुक जाने से मोहला का विकास रुक सा गया है, छेत्र वासी जमीन तो खरीद रहे है पर उस पर बिल्डिंग बनाने से कतरा रहे है । कई परिवार अपना घर तो बनाना चाह रहे है पर प्रमाणीकरण का इंतजार कर रहे हैं।
दूसरे पहलू से देखा जाए तो सीलिंग जमीन और बड़े झाड़,छोटे झाड़ की जमीन होने से मोहला की डेवलपमेंट में कई बाधा आती है, मानो विकास थम सा जाता है। मोहला के फैलाव और व्यापार को देखे तो इन जमीनों पर डेवलपमेंट जरूरी भी है। चूंकि व्यापार ही उस छेत्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। बरहाल मुख्याल कार्यालय भवन अब आगे कहा पर बन पाएगा देखने वाली बात होगी


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