NBPNEWS/22 अक्टूबर/जिला मोहला मानपुर अं चौकी — नेशनल हाइवे 930, जो मानपुर ब्लॉक से होकर गुजरता है, में आवागमन की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि स्थानीय निवासियों के साथ-साथ स्कूली बच्चों, दुकानदारों और अंतरराज्यीय यात्रियों के लिए यह एक त्रासदी बन गया है। हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं कि लोग हर रोज जोखिम भरे सफर पर निकलने को मजबूर हैं।
हाइवे के हालत इस कदर खराब हो चुके हैं कि बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनकर स्कूल जाने के बावजूद गंदे और कीचड़ लगे कपड़ों में पहुंचना पड़ता है। आए दिन कोई न कोई वाहन, सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों और दलदल में फंस जाता है। इन गड्ढों के कारण सड़क पर जाम लगना अब एक सामान्य बात हो गई है। वहीं, स्कूली बच्चों और राहगीरों को इन खतरनाक रास्तों से गुजरते हुए हमेशा किसी बड़े हादसे का डर बना रहता है।
**व्यापारियों की हालत और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता**
हाइवे के किनारे के दुकानदार महीनों से अपने व्यापार में भारी नुकसान झेल रहे हैं। हाल ही में, रेत से लदा एक हाइवा वाहन सड़क के दलदल में फंस गया था, जिससे घंटों तक जाम लगा रहा। इन परिस्थितियों को देखते हुए भी सत्ता और विपक्ष के नेता केवल मूकदर्शक बने हुए हैं। चाहे वह सत्तारूढ़ पार्टी के हों या विपक्ष के, कोई भी नेता इस गंभीर समस्या पर ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
विपक्ष में बैठे कांग्रेसी विधायक ने इस समस्या को नजरअंदाज कर दिया है और लोगों की तकलीफों पर कोई आवाज उठाने की कोशिश नहीं की। वहीं, सत्ता में बैठे भाजपा नेता, जो सत्ता में आने से पहले हाइवे की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगा रहे थे, अब सत्ता में होने के बावजूद लापरवाह निर्माण ठेकेदारों और अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। अचानक आए बारिश की वजह पहले से ज्यादा स्तिथि खराब हुई है।
**जिला मुख्यालय मोहला की सड़को की हालत धूल और जर्जर से भरा**
जिला मुख्यालय मोहला की सड़को की हालत भी जर्जर है जहां से तमाम नेता , प्रशासनिक अमला गुजरता है। वहां बारिश के दिनों में सड़के नाली रूपी और बारिश के बाद सड़के धूल से सन जाती है,आम जन, राहगीर और व्यापारी परेशान है, धूल के गुब्बारों से मोहला वासियों की स्वास्थ्य में भी गंभीर परेशानी आ रही है। फिर भी इसमें पी.डब्ल्यू.डी. विभाग घोर निंद्रा में नजर आती है, जो सड़को में पानी तक नहीं डलवा पा रही हैं। जिससे धूल को कम किया जा सके। वही राजनांदगांव से मानपुर के लिए सड़क चौड़ीकरण और मजबूती करण के लिए राशि आंबटित हुई है, जिसको बनने में समय है। सड़क के बनने तक लगातार छेत्रवासी धूल से होने वाली गम्भीर बीमारियों की चपेट में आते रहेंगे।
**कलेक्टर के आदेश के बावजूद भारी वाहनों की आवाजाही जारी**
स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास में कलेक्टर ने इस हाइवे पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने और उनके लिए वैकल्पिक मार्ग निर्धारित करने का आदेश दिया। यह आदेश 20 अक्टूबर को जारी किया गया था, ताकि निर्माणाधीन हाइवे पर भारी वाहनों से उत्पन्न होने वाली समस्या को रोका जा सके। बावजूद इसके, जानकारी के अभाव में कई भारी वाहन मानपुर कस्बे की तरफ आ गए, जिससे रात भर जाम की स्थिति बनी रही।
**निर्माण एजेंसी की लापरवाही और जनता की परेशानी**
इस हाइवे के निर्माण कार्य में भी गंभीर लापरवाही सामने आई है। निर्माण एजेंसी ने एक साथ दोनों लेन का डामर उखाड़ दिया है, जिससे सड़क पूरी तरह से धूल और कीचड़ में तब्दील हो गई है। बारिश होने पर सड़क में जलभराव और दलदल की समस्या और गंभीर हो गई है। महीनों से यह स्थिति बनी हुई है, जिससे जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ महीने पहले, डायवर्शन रोड के टूट जाने से भी लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब जब डायवर्शन दोबारा बन गया है, तो वहां भी दलदल की समस्या खड़ी हो गई है।
**नेताओं और अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल**
इन विकट हालातों के बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम उठाने से पीछे हट रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही सोशल मीडिया पर आपसी आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।
अब सवाल उठता है कि आखिर वह कौन सी ताकत है जिसके आगे प्रशासनिक अधिकारी और नेता दोनों नतमस्तक हो चुके हैं? आखिर क्या वजह है कि जनहित के इस गंभीर मुद्दे पर न तो नेता कोई कदम उठा रहे हैं और न ही निर्माण एजेंसी पर कोई दबाव बना पा रहे हैं? जनता को त्रासदीपूर्ण आवागमन की इस समस्या से राहत कब मिलेगी, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
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