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NBPNEWS की खबर का असर,पटवारी हेमंत ठाकुर निलंबित: प्रशासनिक सख्ती, पर अब तक सह आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं

NBPNEWS/26 सितंबर/मोहला मानपुर– जिला प्रशासन की तेजी और सख्त कार्रवाई ने लोगों के दिलों में प्रशासन के प्रति भरोसे को और मजबूत कर दिया है। NBPNEWS की प्रमुखता से दिखाए खबर का हुआ असर ,हाल ही में ग्राम मुरारगोटा खड़गांव ,पटवारी हल्का नंबर 04 के तत्कालीन पटवारी हेमंत ठाकुर को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित कर दिया गया है। यह कदम प्रशासन की ओर से एक ठोस संदेश है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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मामले की शुरुआत तब हुई जब ग्राम मोहला निवासी बृजभूषण देशमुख ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार मोहला, और अंबागढ़ चौकी को शिकायत दी। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि ग्राम मुरारगोटा की 15 एकड़ भूमि का फर्जी तरीके से बिक्री की गई और सरकारी राजस्व पोर्टल पर छेड़छाड़ कर नाम परिवर्तन किया गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने तुरंत संयुक्त जांच का आदेश दिया।

जांच में पाया गया कि ग्राम मुरारगोटा, पटवारी हल्का नंबर 04 की जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार करके बेचा गया और राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई। जांच के अनुसार इस कृत्य में तत्कालीन पटवारी हेमंत ठाकुर की संलिप्तता प्रथम दृष्टया पाई गई, जिसके बाद उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई।

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निलंबन की अवधि में ठाकुर का मुख्यालय औंधी तहसील कार्यालय निर्धारित किया गया है। यह कदम यह दर्शाता है कि प्रशासन भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। 

जिला प्रशासन की इस त्वरित और सख्त कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों में न्याय प्रणाली पर भरोसा और बढ़ा है। 

**सह आरोपियो पर क्या होगी कार्यवाही?**

इस प्रकरण के जांच अधिकारी एसडीएम हेमेंद्र भुआर्य मोहला ने पूर्व में ही जांच उपरांत संजय मिश्रा आ0 आदित्य नारायण एवम रेमंत देवांगन आO हेमंत देवांगन के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही तथा शास कर्मचारी पटवारी हेमंत ठाकुर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा सहित प्रतिवेदन आवश्यक कार्यवाही की बात कही थी ।
जिसमे आरोपी पटवारी हेमन्त ठाकुर पर प्रशासनिक कार्यवाही हुई । लेकिन अभी तक सह आरोपियों पर दंडांत्मक कार्यवाही न होना एक सवाल खड़ा करता है क्या इन्हे किसी भी तरीके का संरक्षण प्राप्त तो नहीं। क्या इन पर पुलिसिया कार्यवाही हो पाएगी? जबकि जांच रिपोर्ट 01 जुलाई 2024 को ही आ गई थी।

वही धोबेदंड में आदिवासी किसान की जमीन हड़पने के मामले में भी इन भू माफियाओं संजय मिश्रा और रेमंत देवांगन पर आरोप लगा था जिसमे कार्यवाही उपरांत जेल हुई पर, इस मामले में आखिर किस बात की छूट।

पूर्व में तहसीलदार भी हुई थी निलंबित, जिला प्रशासन ने युवक पर सैंडल से हमले वाले मामले में बिना उच्च अधिकारियों की जानकारी दिए बगैर कार्यवाही कर युवक की ट्रैक्टर को जब्त करना इस पर संज्ञान लेते हुए संध्या नामदेव को भी निलंबित किए थे।

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पूर्व में धोबेदंड प्रकरण में भी भू माफियाओं को हुई थी जेल, जिसमे जिला प्रशासन ने जांच उपरांत अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा था।

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**प्रशासनिक सख्ती से बढ़ा जनता का भरोसा**

इस घटना के बाद, मोहला मानपुर क्षेत्र में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर सकारात्मक संदेश गया है। लोगों का मानना है कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समय पर की गई जांच और उचित कार्रवाई से उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे। प्रशासन की इस सख्ती ने यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के मामलों में कोई भी दोषी व्यक्ति बच नहीं सकता।

क्षेत्र के कई ग्रामीणों ने इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि प्रशासन का यह कदम उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा उदाहरण है।

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