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वनांचल साहित्य सेवा से सम्मानित हुए साहित्यकार - गोटाटोला

14 अगस्त NBPNEWS /जिला मोहला मानपुर /गोटाटोला 11अगस्त 2024 को समरसता भवन, गोटाटोला में वनांचल साहित्य सृजन समिति, मोहला द्वारा एक दिवसीय "वनांचल साहित्य समरोह" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए साहित्यकारों, कवियों, गीतकारों, गजलकारों, और लोक साहित्यकारों ने भाग लिया। 

समारोह दो सत्रों में संपन्न हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक डॉ. इकबाल खान "तन्हा" ने की। इस सत्र के मुख्य अतिथि बालोद के वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश देशमुख थे, और विशिष्ट अतिथि के रूप में कमल तापड़िया, अजय राजपूत, शंकर गजेंद्र, प्यारे जायसवाल, जग्गू मार्गे, और नंदू ढलेंन्द्र जैसे प्रतिष्ठित साहित्यकार उपस्थित थे।

**छत्तीसगढ़ी तिहार और लोक जीवन पर परिचर्चा**

परिचर्चा का विषय "छत्तीसगढ़ के तिहार अऊ लोक जीवन" था, जिस पर लखनलाल कलामें "लहरिया" ने मुख्य वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी त्योहारों के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र बघेल "मकुब" ने लोक जीवन के बिगड़ते स्वरूप पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवस्था में सुधार लाने के लिए किसी मसीहा के आने की प्रतीक्षा नहीं की जा सकती, इसे समाज को स्वयं ही सुधारना होगा। जगदीश देशमुख ने त्योहारों के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोक जीवन ही परमात्मा का जीवन है।

इस सत्र के समापन पर डॉ. रीना कोमरे "कोया", डॉ. माधवी गणवीर, गजेंद्र हरिहारणो "दीप", जगदीश देशमुख, और युनुस कुरैशी "अजनबी" को "वनांचल साहित्य सृजन सम्मान" से सम्मानित किया गया। इस सत्र का संचालन जितेंद्र पटेल "विद्रोही" ने किया।

**द्वितीय सत्र: काव्य गोष्ठी और सम्मान समारोह**

द्वितीय सत्र की अध्यक्षता अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा "जनता" ने की, जो वरिष्ठ साहित्यकार और छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता भी हैं। इस सत्र के मुख्य अतिथि श्रीमती शांता कलामें, सरपंच ग्राम पंचायत गोटाटोला, और विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक आकाश, ओमप्रकाश साहू "अंकुर", ग्वाला प्रसाद यादव "नटखट", जयकांत पटेल, संतोष ठाकुर, और लखनलाल साहू "लहर" की उपस्थिति में यह सत्र सम्पन्न हुआ। वनांचल साहित्य सृजन समिति ने इस अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

इसके पश्चात आयोजित काव्य गोष्ठी में वीरेंद्र तिवारी "वीरू" के संचालन में कई प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस काव्य गोष्ठी में पुष्कर सिंह राज, जयकांत पटेल, डॉ. एस. एल. गंधर्व, डॉ. अशोक आकाश, चंदू देशमुख, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, गजपति राम साहू, श्री मति सुषमा शुक्ला, डाॅ. माधवी गणवीर, राजकुमार चौधरी, अनिल कसेर, देवनारायण नगरिया, देव जोशी गुलाब, कन्हैया लाल बावरे, श्री मति सरिता गौतम, शमील अहमद सिद्दीकी, घनश्याम पारकर,तामसिंग पारकर, आचार्य जे.आर. महिलांगे, संतोष ठाकुर, पुसन कुमार साहू, नंदकुमार नादान, रोशनलाल साहू, ग्वाला प्रसाद यादव, युनुस कुरैशी अजनबी, डोहरदास साहू, डाॅ. इकबाल खान, लखनलाल कलामें, दिनेश राजपूत, जितेंद्र पटेल, भरत लाल भोपले, डाॅ. रीना कोमरे, जसवंत मंडावी एवं सेवंत देशमुख ने सरस काव्य पाठ श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी और श्रोताओं का मन मोह लिया।

कार्यक्रम के अंत में वनांचल साहित्य सृजन समिति के अध्यक्ष डॉ. इकबाल खान "तन्हा" ने सभी साहित्यकारों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा, लोक जीवन, और लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु समिति द्वारा भविष्य में और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाने की घोषणा की। कार्यक्रम के सफल आयोजन की जानकारी मीडिया प्रभारी जसवंत मंडावी ने दी। 

वनांचल साहित्य समरोह छत्तीसगढ़ी संस्कृति और साहित्य के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसमें लोक जीवन और साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।

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