NBPNEWS/ मोहला, 27 अक्टूबर 2025
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला प्रशासन की उत्कृष्ट कार्यशैली और अभिनव सोच को देशभर में सराहना मिल रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा “आदि कर्मयोगी अभियान” के तहत जिले को उत्कृष्ट जिला के रूप में सम्मानित किए जाने के बाद क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।
जिले में स्थापित ‘आदि सेवा केंद्र’ और ‘ट्राइबल विलेज विजन 2030’ जैसी योजनाओं ने जनजातीय समुदायों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। इन केंद्रों के माध्यम से अब स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और पोषण से जुड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे ग्रामीणों तक पहुंच रहा है।
इस उपलब्धि पर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की जमकर प्रशंसा की। कलेक्टर तुलिका प्रजापति के नेतृत्व में जिले ने कम समय में विकास का नया अध्याय लिखा है। वहीं, सहायक आयुक्त (आदिवासी विकास) संजय कुर्रे और सीईओ जनपद मोहला प्रांजल प्रजापति की टीम भावना और जमीनी कार्यशैली ने जिले को नई पहचान दिलाई है।
ग्राम पंचायत सचिव कुबेर चोरिया की भी युवाओं ने विशेष रूप से तारीफ की है। उन्होंने जिले के प्रतिनिधिमंडल के साथ विज्ञान भवन में संवाद के दौरान मोहला क्षेत्र के युवाओं की भावनाओं को मजबूती से रखते हुए मिनी स्टेडियम, ट्रॉमा सेंटर और खेल मैदान जैसी आवश्यकताओं पर प्रमुखता से चर्चा की। युवाओं ने कहा कि कुबेर चोरिया जैसे जमीनी अधिकारी ही वास्तव में विकास की आवाज़ को ऊपर तक पहुँचाने का काम कर रहे हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के कैबिनेट सचिव विभु नायर ने भी जिले की टीम की सराहना करते हुए कहा कि मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी का विकास मॉडल अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि यहां का प्रशासनिक और सामुदायिक तालमेल वास्तव में “सेवा भाव और सहभागिता” का उत्कृष्ट उदाहरण है।
ग्रामीणों और युवाओं ने कहा कि अब उन्हें अपने गांव में योजनाओं की जानकारी और सुविधाएं आसानी से मिल रही हैं। “आदि सेवा केंद्रों” ने जनजातीय समुदायों के जीवन में पारदर्शिता और विश्वास का माहौल बनाया है।
मोहला के सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिले में जिस प्रकार से प्रशासन ने सरकारी योजनाओं को ज़मीन पर उतारा है, वह सुशासन का आदर्श मॉडल बन चुका है।
जिला प्रशासन की दूरदर्शी सोच, अधिकारियों की समर्पित टीम और स्थानीय जनभागीदारी ने साबित किया है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो छोटा जिला भी बड़े बदलाव का प्रतीक बन सकता है।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी — अब केवल एक जिला नहीं, बल्कि “जनजातीय विकास और सेवा सुगमता” का राष्ट्रीय प्रतीक बन चुका है।
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