मोहला-मानपुर विधायक इंद्र शाह मंडावी की बहन एवं ग्राम मोहला की पूर्व सरपंच सरस्वती ठाकुर के खिलाफ भाजपा नेता द्वारा की गई शिकायत अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गई है। भाजपा वह के किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष प्रवीण मंडावी ने शुक्रवार 6 जून को जिला पंचायत में विकास कार्यों में अनियमितता के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी, लेकिन अब उन्होंने अपनी ही शिकायत को निरस्त करने आवेदन प्रस्तुत कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
प्रवीण मंडावी ने नए आवेदन में स्पष्ट किया है कि उनके पास पूर्व सरपंच के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। बिना किसी दबाव के आवेदन करने और बिना किसी दबाव के शिकायत वापसी की बात कही।
इससे पहले की गई शिकायत में सरस्वती ठाकुर पर ग्राम पंचायत मोहला में विकास कार्यों के दौरान कथित गड़बड़ियों और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। इस शिकायत को गंभीर मानते हुए जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायत मोहला के सीईओ को सात दिवस के भीतर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया थे।
इस विषय पर विधायक इंद्रशाह ने कहा कि प्रवीण मंडावी से जबरदस्ती दस्तखत करवा कर जिला पंचायत में पूर्व सरपंच सरस्वती ठाकुर के विरुद्धनाजी शिकायत करवाया गया। विधायक ने बताया कि प्रवीण ने मिलकर कहा कि बिना जानकारी के आवेदन में हस्ताक्षर करवा कर शिकायत करवाए थे। ग्राम सभा मोहला में जाति प्रमाण पत्र पास हुआ था, उसे सच साबित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सी सी रोड़, नाली,भवन में मूल्यांकन उपरांत ही पेमेंट किया जाता है, अगर भ्रष्टाचार हुआ होगा तो वसूली होगी साथ ही फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाले मामले के विषय से भटकाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
अब भाजपा नेता द्वारा शिकायत वापस लेने के बाद न केवल जांच की दिशा पर सवाल उठने लगे हैं, बल्कि इसे स्थानीय स्तर पर सत्तारूढ़ और विपक्षी राजनीति के बीच चल रही खींचतान के रूप में भी देखा जा रहा है।
फिलहाल इस मामले को लेकर मोहला-मानपुर की राजनीति गरमा गई है और आमजन के बीच यह बहस का विषय बन गया है कि क्या यह मामला वास्तव में भ्रष्टाचार से जुड़ा था या फिर राजनीतिक रणनीति का हिस्सा। क्या किसी विषय से भटकाकर इस विषय में सबका ध्यान केंद्रित करने की रणनीति थी । जिला प्रशासन इस नए घटनाक्रम पर क्या रुख अपनाता है, यह देखना अब शेष है।
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