NBPNEWS/मोहला, 9 अप्रैल 2025। चैत्र नवरात्रि की नवमी की रात मोहला के ओमप्रकाश टेम्बुलने के परिवार पर कहर बनकर टूटी। जिला मुख्यालय मोहला स्थित कलेक्टर कार्यालय के ठीक पीछे मोहल्ले में स्थित उनके घर में रात करीब आठ बजे शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, जिसने कुछ ही मिनटों में पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और घर में रखे गैस सिलेंडर फट गए, जिससे आग और भी भड़क उठी। पूरा मकान जलकर राख हो गया।
ओमप्रकाश कपड़े के व्यापारी हैं जो गांव गांव जाकर व्यापार करते है। जोकि पिछले 7 वर्षों से मोहला में निवासरत हैं जो कि मुख्यता डंडासुर के है, बीते रात परिवार के साथ छुरिया माता मंदिर के दर्शन को गए थे । जब घर वापसी किए तो घर में आग लग चुकी थी। घर में बड़ी मात्रा में कपड़ों के स्टॉक के साथ-साथ टीवी, फ्रिजर ,पंखा, राशन, नगदी रुपए, मोबाइल, सोने-चांदी के गहने और जरूरी दस्तावेज रखे थे, जो इस भीषण अग्निकांड में पूरी तरह स्वाहा हो गए। पड़ोसियों और ग्रामीणों ने जब घर से धुआं उठते देखा तो वे आग बुझाने के लिए पानी लेकर दौड़े, गैस सिलेंडर को देखते ही सबने दूरी बनाई नतीजन सिलेंडर के फटने के बाद कोई हताहत नहीं हुआ। मौके पर पहुंचे पुलिस व मोहला जनपद पंचायत व ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि और दर्जनों ग्रामीणों ने गैस सिलेंडर फटने के बाद धीरे धीरे हिम्मत करके सबने पानी डाला लेकिन आग में काबू पाते काफी देर हो चुकी थी।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिला मुख्यालय में होने के बावजूद आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर नहीं पहुंची। यह वही गाड़ी है जो मोहला की पुलिस लाइन में महीनों से धूल खा रही है। अफसोस की बात है कि मुख्यालय में मौजूद संसाधनों के बावजूद आमजन को राहत नहीं मिल पा रही है। प्रशासन की घोर लापरवाही और आपदा प्रबंधन की विफलता इस हादसे में साफ दिखाई दी।
यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ ही दिन पहले मोहला के मरारपारा वार्ड क्रमांक 3 में भी घर में आग लग गई थी और घर पूरी तरीके से जल गई थी उक्त मौके पर अग्नि शामक वाहन अं चौकी से देर से पहुंची थी। लेकिन तब भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। न अग्निशमन व्यवस्था में सुधार हुआ, न ही जरूरी मरम्मत कार्य किए गए। जिला बनने के बावजूद आज भी मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र को एक सक्रिय फायर ब्रिगेड सेवा का इंतजार है। नगर पंचायत की एकमात्र फायर व्हीकल पर पूरे क्षेत्र की सुरक्षा का बोझ डाल दिया गया है, जोकि समय समय पर खराब भी रहती है, जो किसी बड़ी घटना के समय नाकाफी साबित हो रही है।
जिला कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने कहा कि सूचना मिली है कि आगजनी काफी भयावह थी। पीड़ित परिवार के लिए मुआवजा का प्रकरण तैयार करने के आदेश दिए है ताकि मुआवजे से घर बनाने में मदद होगी। वही फायर ब्रिगेट की गाड़ी जिले में दो है एक चौकी में नगर पंचायत के पास जिसे आने में समय हो जाता है। साथ ही जिला मुख्यालय मोहला के पुलिस लाइन में उपलब्ध अग्नि शामक वाहन को एक सप्ताह में प्रशिछित कर्मचारी के साथ संचालित करने की बात कही है।
घटना के बाद से ओमप्रकाश के घर में तबाही के निशान और लोगों की आंखों में आंसू साफ देखे जा सकते हैं। क्षेत्र के नागरिक, जनप्रतिनिधि समाजसेवी और व्यापारी संगठन पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इस घटना पर मोहला के सरपंच गजेंद्र पूरामे ,पूर्व सरपंच सरस्वती ठाकुर, वार्ड पंच मिर्ज़ा नूर बेग, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष देव प्रसाद नेताम व छेत्रवासी तथा पुलिस , बिजली विभाग मुख्यतौर पर परिवार की मदद कर रहे हैं।
यह हादसा केवल एक परिवार की नहीं, पूरे सिस्टम की विफलता का प्रमाण है। अगर जिला प्रशासन समय रहते फायर ब्रिगेड की व्यवस्था दुरुस्त करता, तो शायद यह नुकसान टल सकता था। अब यह देखना होगा कि क्या प्रशासन जागेगा या अगली अग्निकांड की त्रासदी का इंतजार करेगा?
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