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जल संरक्षण के लिए चिल्हाटी में निकली वाटर शेड रथ यात्रा


NBPNEWS/मोहला मानपुर अं चौकी, 6 अप्रैल 2025। ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा जल एवं भूमि संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अम्बागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम चिल्हाटी में जलग्रहण परियोजना अंतर्गत वाटर शेड रथ यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा 5 अप्रैल को निकाली गई, जिसमें माइक्रो वाटर शेड क्षेत्र के तहत जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को लेकर लोगों को जागरूक किया गया।
यात्रा का ग्रामीणों, महिला स्व-सहायता समूहों, बच्चों और किसानों ने जोरदार स्वागत किया। इस अभियान को लेकर गांव में उत्साह का माहौल रहा और सभी वर्गों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता दिखाई दी।
गर्मी आते ही जिले भर में पानी की कमी हो गई है। ऐसे में ज़रूरत है आमजन और प्रशासन को आगे आकर वाटर शेड रथ यात्रा जैसे जागरुकता अभियान चलाकर जल संरक्षण में सतत् कार्य करने की जरूरत है , वही जरूरत है कुआं, तालाब और बांध को दुरुस्त करने की। शोकता गड्ढा ज्यादा से ज्यादा बनाने और उसमें अनुपयोगी पानी जाए सुनिश्चित करने की। 
छेत्र के सभी समाज को आगे आकर जल संरक्षण में शिक्षा देकर जागरूक कर धरातल में काम करने की आवश्यकता है, ताकि धरातल में पानी की उपलब्धता बनी रहे। सर्व समाज जल स्त्रोत के लिए आगे आए और भविष्य के लिए काम करें।


वही वाटर शेड रथ यात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत रंगोली, श्रमदान, जल संरक्षण पर आधारित सांस्कृतिक नृत्य, रैली और पानी की पाठशाला जैसे रचनात्मक आयोजनों का आयोजन किया गया।
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण के महत्व पर अपने विचार रखे और स्थानीय लोगों को जल बचाने के व्यावहारिक उपायों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य शांति बाई त्रिपुरे, जनपद पंचायत अंबागढ़ चौकी के अध्यक्ष पूनऊराम फूलकैरे, जनपद सदस्य श्यामलाल चंद्रवशी, पवन तुलावी, ग्राम पंचायत चिल्हाटी की सरपंच डिम्पल मंडावी, पूर्व सरपंच कन्हैया नेताम, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी टिकम सिंह ठाकुर, परियोजना अधिकारी संत लाल देशलहरे समेत पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
इस आयोजन में जलग्रहण समिति के सदस्य और अम्बागढ़ चौकी क्षेत्र के दस ग्रामों के किसान भी शामिल हुए। साथ ही पचास महिला स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने जल संरक्षण को लेकर अपनी गंभीरता और प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने न केवल कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई बल्कि गांव में जल बचाने के संकल्प को भी दोहराया।
यह आयोजन सामूहिक जागरूकता का प्रतीक बनकर सामने आया, जो जल संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम है। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि जल की हर बूंद की कीमत है और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है। इस तरह की पहलें आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की महत्ता को समझाने और संरक्षण की संस्कृति विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगी।

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