NBPNEWS/मोहला मानपुर/10 अप्रैल 2025/ग्राम हथरेल थाना मोहला में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है। मृतका के पिता रूपसाय तोप्पा, निवासी मसेली, थाना कोरची, जिला गड़चिरोली (महाराष्ट्र) ने अपनी बेटी रामकली तोप्पा की मौत को हत्या बताते हुए विस्तृत जांच की मांग की है।
रूपसाय तोप्पा ने बताया कि चार साल पहले उनकी नाबालिग पुत्री रामकली को ग्राम हथरेल निवासी द्वारका मंडावी बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस रिश्ते की कोई कानूनी या धार्मिक मान्यता नहीं थी। उनकी विवाह की वैधानिक जानकारी नहीं थी।
पिता ने आरोप लगाया कि 26 मार्च 2025 को उन्हें और गांववासियों को जानकारी मिली कि उनकी बेटी रामकली की मौत फांसी लगने से हो गई है। यह खबर सुनकर वे स्तब्ध रह गए। उनका कहना है कि यह मृत्यु सामान्य नहीं है और उन्हें संदेह है कि रामकली की हत्या की गई है।
रूपसाय ने यह भी जानकारी दी कि रामकली और द्वारका मंडावी के साथ रहने के दौरान एक बच्ची का जन्म हुआ था, जिसकी उम्र वर्तमान में करीब एक-दो वर्ष है। वह बच्ची इस समय द्वारका मंडावी के पास है। रूपसाय को आशंका है कि उनकी बेटी की हत्या के बाद अब उस मासूम बच्ची की जान को भी खतरा हो सकता है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि रामकली की मौत की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, रामकली की संतान की डीएनए जांच कर उसके पिता की पुष्टि कराई जाए और बच्ची की सुरक्षा के लिए कानूनी संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
रूपसाय तोप्पा ने बताया कि वो गोंड जनजाति से है, उनकी बेटी को भगा कर ले जाने वाला द्वारका मंडावी ओझा जनजाति से है और वो धर्मांतरण कर ईसाई बन गए हैं, जिसकी जानकारी बेटी के मृत्यु उपरांत पता चला है। साथ बेटी की क्रियाकर्म गांव से बाहर जंगलों में दफन किया गया। वही क्रियाकर्म के बाद मंडावी द्वारा उन्हें और महाराष्ट्र से आए लोगों को हथरेल गांव जाने से रोक गया।
उनका और उनकी पत्नि और उनके गांव वालों का कहना है कि अगर रामकली ने आत्महत्या (फांसी) किया तो पहले पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई। जब मृतिका को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहला लाया गया तब जाकर पुलिस को जानकारी मिली। वही रामकली की दो साल की बेटी है, ऐसे में कोई भी मां गलत कदम उठाने से पहले, अपने बच्चे के बारे में जरूर सोचती है।
वही छेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण व मतांतरण को लेकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। क्या ये मामला भी अवैध धर्मांतरण से जुड़ा हुआ तो नहीं है? क्या रामकली जो पैतृक रूप से गोंड जनजाति से है, क्या द्वारका मंडावी (ओझा)के संपर्क में आकर धर्म परिवर्तन की होगी? क्या उसने चर्च में शादी की होगी या नहीं ? सूत्रो की माने तो चर्च में शादी ईसाइयों की होती है, ऐसे में क्या रामकली ने ईसाई धर्म शादी से पूर्व अपनाया होगा? क्या इनकी शादी कोर्ट में हुई होगी या शादी हुई ही नहीं थी। ये तमाम सवालों के जवाब जांच उपरांत ही समझ आएगा।
इस मामले में अब पुलिस और प्रशासन की भूमिका अहम हो गई है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला महिला सुरक्षा और नाबालिग अधिकारों से जुड़ा एक गंभीर अपराध बन सकता है। ग्रामीणों और मृतका के परिजनों की मांग है कि जांच तेजी से हो और मासूम बच्ची को न्याय व सुरक्षा मिले।
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