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पेड़ पर लटका मिला 27वर्षीय युवक का शव, नशे को माना जा रहा आत्महत्या की वजह

NBPNEWS/मोहला मानपुर/ 21 मार्च 2025/
मोहला थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत डुमरटोला के आश्रित ग्राम जीर्राटोला में एक 27 वर्षीय युवक ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान गोपी चंद बारले पिता परमेश्वर बारले, उम्र 27 वर्ष के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, युवक का शव बीते रविवार की रात गांव के पास सड़क किनारे तालाब के पास एक पेड़ से लटका मिला। मौके पर पहुंची मोहला पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को शव सौंपा और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों के मुताबिक, गोपी चंद बारले रविवार की रात 8 बजे अपने घर से निकला था, जो कि उसके बाद अपने घर कभी लौट नहीं पाया। ग्रामीणों ने आज सोमवार की सुबह ही पेड़ से फांसी लटका पाया , जिसके बाद परिजनों और पुलिस को सूचना दी गई। बारले को अक्सर नशे की हालत में देखा जाता था। प्रारंभिक जानकारी में आत्महत्या के पीछे नशे की लत को एक कारण माना जा रहा है, हालांकि पुलिस का कहना है कि नशे की वजह को झुठलाया नहीं जा सकता लेकिन मामले की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।

घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।

कुछ दिन पूर्व 13 अप्रैल को बिरझू टोला में भी मृतक संजीव मांझी को दारू पिलाकर नशे की हालात में युगल कुंजाम और धर्मेंद मंडावी ने गला घोंटकर मार कर शरीर को खेत में छुपाया था। जिसका खुलासा 20 अप्रैल को पुलिस ने किया।

दूसरे केस में ग्राम ढोढरी में जाड़े परिवार की घटना जिसमें पिता ने अपने ही बेटे को कुल्हाड़ी से मारा था। चूंकि उसका बेटा दारू पीने से रोकता था। 
नशे की चपेट में आकर युवक अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। जिले भर में क्राइम का ग्राफ बढ़ते ही जा रहा है। जो पुलिस, जिला प्रशासन और समाज के लिए चुनौती बन गई है। शराब की उपलब्धता जिले में कम है, दुकानों की कमी कारण लेकिन सरकार जब नए प्रस्तावित शराब दुकान मोहला, खड़गांव, और चिल्हाटी खोलेगी तो क्या इससे उपजे बढ़ते क्राइम को रोक पाएगी। क्या सरकार शराब दुकान खोलने के साथ क्राइम रोकथाम में भी काम कर पाएगी या आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में युवक नशे के चपेट में अपनी जान गवाते रहेंगे।
वही इस तरीके से बढ़ते क्राइम से जिला क्षेत्र सहम सा गया है। लोगो में सुगबुगाहट है कि नए शराब दुकान खुलने से और भी घटनाएं बढ़ सकती है।

पांचवीं अनुसूची छेत्र में आदिवासियों को पांच बॉटल महुआ दारू बनाने की छुट का रूढ़िवादी परम्परा के आड में बेहतशा दुरुपयोग कर रहे है। नतीजन घरेलू हिंसा, हत्या, आत्महत्या और एक्सीडेंट जैसे घटनाएं बढ़ते जा रहे हैं। जरूरत है सामाजिक जागरूकता और रोकथाम की अन्यथा इसके और भी गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते है।

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