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स्व. लाल श्याम शाह शासकीय महाविद्यालय मोहला में, अनुसूचित जनजातियों के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यशाला का हुआ आयोजन

NBPNEWS/06 अक्टूबर/मोहला मानपुर: स्व. लाल श्याम शाह शासकीय नवीन महाविद्यालय, मोहला में दिनांक 6.9.2024 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वाधान में "अनुसूचित जनजातियों के लिए वित्तीय साक्षरता" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन शासकीय लाल चक्रधर शाह स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबागढ़ चौकी और शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी, भारत माता और मां सरस्वती के छायाचित्रों पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य गीत 'अरपा पैरी के धार' का गायन भी किया गया। कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया, जिसमें पहले सत्र में अतिथियों का स्वागत किया गया और द्वितीय सत्र में तकनीकी जानकारी दी गई।

प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि श्री अखिलेश तिवारी (रिटायर्ड वरिष्ठ मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक), डॉ. एस.के. पटेल (को प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर), श्री पी.एल. साहू (रिटायर्ड प्रधान पाठक), श्री ओ.पी. राणा (प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर), और महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जी.के. जोशी थे। इस सत्र में अतिथियों का पुष्पगुच्छ और तिलक से स्वागत किया गया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जोशी ने स्वागत भाषण में अनुसूचित क्षेत्रों के पारंपरिक व्यवसाय के अवसरों का लाभ उठाने की प्रेरणा दी।
श्री ओ.पी. राणा ने अपने उद्बोधन में मोहला-मानपुर- अंबागढ़ चौकी जिले की अनुसूचित जनजातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता से समाज की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है, जिससे समग्र विकास संभव हो सके। डॉ. एस.के. पटेल ने अपने वक्तव्य में जनजातीय समुदाय के पारंपरिक ज्ञान को व्यवसाय में तब्दील करने के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण परिवेश को जीवित रखते हुए उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सकता है।
श्री अखिलेश तिवारी ने राजा लाल श्याम शाह के जीवन और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे एक सफल उद्यमी बना जा सकता है। उन्होंने बैंकों से ऋण प्राप्ति और साइबर क्राइम से बचने के उपायों पर भी विस्तार से जानकारी दी। तिवारी ने इंटरनेट स्कैम से बचने के विभिन्न उदाहरण साझा कर विद्यार्थियों को सतर्क किया।
द्वितीय सत्र में, तकनीकी सत्र की शुरुआत श्री पी.एल. साहू द्वारा की गई, जिन्होंने वनोपज के संसाधनों का उपयोग कर आर्थिक सुदृढ़ीकरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हर्रा, बेहड़ा, आंवला, और महुआ जैसे वनोपजों के स्वास्थ्य लाभ और उनके व्यावसायिक उपयोग पर चर्चा की। श्री साहू ने अपनी स्वलिखित पुस्तक अतिथियों को भेंट की।
श्री एस.के. देवांगन ने पीपीटी के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन और रोजगार सृजन के अवसरों की बारीकियों को समझाया। उन्होंने सफल व्यवसाय के लिए योजना निर्माण पर विशेष जोर दिया। 

सभी प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी और स्नातकोत्तर व ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र शामिल हुए। अंत में, श्री रूपलाल मंडावी ने आभार प्रकट किया और कार्यशाला का समापन हुआ। मंच संचालन श्री प्रमोद जुरेशिया ने किया।

शिक्षा और जीवन में निरंतर प्रगति के लिए वित्तीय ज्ञान जरूरी है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से महाविद्यालय का शिक्षा स्तर बढ़ेगा। आपको बता दे की कॉलेज का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष केवल 25% तक सीमित रहा है,जिसमे बी एस सी प्रथम वर्ष में 172 छात्रों में मात्र 08 पास हुए थे। बी एस सी द्वितीय वर्ष 83 में से 40 छात्र, बी एस सी तृतीय में 76 में 13 छात्र पास हुए थे। दूसरी शाखा बी ए प्रथम में 162 में से 13 पास, बी ए द्वितीय में 95 में 48, बी ए तृतीय में 49 में 28, वही बीकॉम प्रथम में 30 में 12,बीकॉम द्वितीय में 03 में 03 और बीकॉम तृतीय में 11 में 09 पास हुए हैं। दूसरी ओर गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज मोहला में बीएससी प्रथम में 45 में 18 लोग बीए प्रथम में 36 में 23 छात्राएं पास हुई है! शिक्षा की इस कदर गिरे गुणवत्ता को इस प्रकार के अन्य कार्यक्रमों से सुधार पाने में आसान होगी।

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