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सूरजपुर में जरूरत थी जिम्मेदार प्रशासनिक व्यवस्था की, शासन ने कलेक्टर एस जयवर्धन को दी जिम्मेदारी

NBPNEWS/23 अक्टूबर/मोहला : नवोदित जिला मोहला_मानपुर के प्रथम कलेक्टर के तौर पर पिछले करीब तीन वर्षों से जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न जनहित के मूलभूत सुविधाओं के विस्तार तथा क्षेत्रीय विकास की दिशा में बखूबी कार्य कर रहे और सबसे अहम कि बीहड़ों के बीच बसे इस जिले के दूर नक्सल प्रभावित दूरस्थ गांवों तक पहुंचकर चौपाल लगाकर ग्रामीण जनों की समस्याओं को जानकर उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये सार्थक कार्य कर रहे IAS एस जयवर्धन को शासन ने बड़ी और अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए सूरजपुर जिले का कलेक्टर नियुक्त किया है।
       दरअसल जलते सूरजपुर जिले में उपजे विपरीत हालातों के मद्देनजर वर्तमान में एक जिम्मेदार प्रशासनिक व्यवस्था की आवश्यकता है। पूर्व के उच्च अधिकारियों को सूरजपुर जिला से हटाया जा चुका है। ऐसे में यहां व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु एक जिम्मेदार अधिकारी की आवश्यकता थी। ऐसे में शासन ने धुर नक्सल प्रभावित मोहला मानपुर जिले में अपने बेहतर कार्यों से माकूल प्रशासनिक व्यवस्था कायम करने वाले IAS एस जयवर्धन को बतौर कलेक्टर सूरजपुर भेजा है जहां डबल मडर। जिला के कतिपय सफेदपोश नेता व अपने स्वार्थ के लिए जिले में अव्यवस्था फैलाने वाले लोग जिनके अनैतिक कार्यों को उन्होंने कोई तवज्जो नहीं दिया उन कतिपय लोगों को कलेक्टर एस जयवर्धन के मोहला मानपुर से जाने की खुशी जरूर हो रही होगी। लेकिन हकीकत यही है कि इस नवोदित व पिछड़े जिले को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लाल खौफ के साए में बीहड़ों के बीच कारगर कार्य करने वाले कलेक्टर का मोहला मानपुर से अन्यत्र जाना जिले के लिए दुखद है वहीं अधिकांश लोग उनके स्थानांतरण से दुखी होंगे इस बात में भी कोई दोराय नहीं। 
       जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि की तर्ज पर बीहड़ गांवों तक पहुंचे कलेक्टर जयवर्धन !

जिले में कई ऐसे गांव जहां कलेक्टर तो दूर ब्लॉक स्तर के अफसर तक नहीं पहुंच सके वहां कलेक्टर एस जयवर्धन जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि की तर्ज पर न केवल पहुंचे बल्कि ऐसे बीहड़ नक्सल प्रभावित गांवों में सुविधाओं के विस्तार तथा विकास बहाली की पहल भी उन्होंने की।
पिटेमेटा गांव में बिजली बहाली व पर्याप्त पेयजल आपूर्ति का कार्य आरम्भ होना, पीटेमेटा, रायमनहोरा जैसे महाराष्ट्र सीमावर्ती गांवों तक पक्की सड़क का निर्माण प्रस्ताव, बुकमरका संबलपुर पुगदा गट्टेगहन जैसे गांव जहां आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंची इन गांवों तक बिजली बहाली के कार्य को रफ्तार देना, तोड़के नैनगुड़ा गांव स्थित नदियों में पुलो के निर्माण की कार्ययोजना बनाकर औंधी क्षेत्र से बस्तर को सीधे सड़क मार्ग से जोड़ने की दिशा में काम, गांव गांव में जन समस्या निवारण शिविरों का आए दिन आयोजन कर सीधे लोगों से जुड़ना तथा उनकी समस्याओं के निदान की सार्थक पहल करना ऐसे कई उपलब्धियां हैं जो कलेक्टर एस जयवर्धन की कार्यकुशलता की बानगी बयान कर रहे हैं। अब जबकि कलेक्टर एस जयवर्धन का स्थानांतरण जिले से अन्यत्र हो गया है। निसंदेह उनके ये उल्लेखनीय कार्य जिले वासियों के बीच विशेषकर ग्रामीण इलाके के रहवासियों के बीच हमेशा याद रखा जाएगा। 
ये भी सच है कि कतिपय मुद्दों पर उनकी ओर से सार्थक और त्वरित निर्णय सामने नहीं आ सका लेकिन इनमें कलेक्टर की कमजोरी कम और राजनैतिक दबाव का हावी होना अधिक नजर आया।

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