गणेश प्रतिमा स्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा-पाठ, आरती, भजन, और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। श्रद्धालु बड़ी संख्या में पंडाल पहुंचकर बप्पा के दर्शन करते रहे।
भंडारा, झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रम बने आकर्षण का केंद्र
युवा गणपति मित्र मंडल द्वारा 4 अक्टूबर को विशाल भंडारा का आयोजन किया गया, जिसमें नगरवासियों और आसपास के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद 6 अक्टूबर की रात्रि को डीजे झांकी का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें युवा वर्ग ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।
मंगलवार को आयोजित विसर्जन रैली इस पूरे गणेशोत्सव का सबसे आकर्षक पल साबित हुई। फूलझर (बालोद) से आई झांकी टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का मन मोह लिया। रैली में नौ दुर्गा के रूप में सजे कलाकारों ने विशेष प्रस्तुति जगह जगह रैली के दौरान दी — जिनमें माँ काली का रूप सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा।
भव्य विसर्जन यात्रा का भक्ति और अनुशासन से समापन
विसर्जन रैली बस स्टैंड पंडाल से निकलकर दुर्गा चौक, जय स्तंभ चौक, फौव्वारा चौक होते हुए राजा तालाब पहुंची। जहाँ विधिवत मंत्रोच्चारण के बीच बप्पा का विसर्जन किया गया। यात्रा के दौरान "नवदुर्गा जश गीत झांकी"और “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष से पूरा नगर गूंज उठा।
मंडल की सराहना और सामाजिक समरसता का उदाहरण
युवा गणपति मित्र मंडल ने आयोजन की अनुशासित व्यवस्था, सामाजिक सौहार्द और भक्ति भावना का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। मंडल के सदस्यों और स्वयंसेवकों ने पूरे आयोजन के दौरान व्यवस्था, सुरक्षा और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा।
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