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बीमार फसलों और बारिश की मार से जूझते किसान: आदिवासी बाहुल्य मोहला-मानपुर- अं चौकी में मायूस दीपावली

NBPNEWS/ चिल्हाटी ( मोहला-मानपुर अं चौकी) छत्तीसगढ़। 21 अक्टूबर 2025
आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान जिला मोहला-मानपुर अं चौकी इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है। सूत्र वर्ष 2025-26 में यहां के किसानों की धान की फसल पर न केवल अत्यधिक बारिश का कहर टूटा है, बल्कि कई प्रकार की फसल बीमारियों ने भी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
ग्राम पंचायत विचारपुर,थाना चिल्हाटी सहित कई गांवों के किसान इस बार पूरी तरह से टूट चुके हैं। खेतों में खड़ी धान की फसलें पूरी तरह से सड़ गई हैं या रोगग्रस्त हो चुकी हैं। हालात यह हैं कि किसान अब न तो कर्ज चुका पाने की स्थिति में हैं और न ही दैनिक जीवन का खर्च चला पा रहे हैं।
दीपावली में छाई मायूसी

जहाँ दीपावली का पर्व रोशनी और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, वहीं मोहला-मानपुर के किसानों के लिए यह पर्व इस बार मायूसी लेकर आया है। आमतौर पर इस समय गांवों में खुशियों का माहौल होता है, लेकिन इस बार खेतों में फैली तबाही ने गांवों में सन्नाटा पसरा दिया है।
शासन से जांच और मुआवजे की माँग

किसानों ने 16 अक्टूबर जिले के कलेक्टर महोदया को आवेदन सौंपकर मांग की है कि फसल नुकसान का सर्वे कराया जाए और उन्हें तत्काल उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। आवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि बारिश और फसल रोगों के कारण धान की पूरी फसल नष्ट हो चुकी है, जिससे किसान कर्ज और रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी की अपील

किसानों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, कृषि विभाग, विधायक इंद्रशाह मंडावी एवं जिला पंचायत अध्यक्ष नम्रता सिंह तक भी अपनी बात पहुंचाई है। सभी से यही अनुरोध किया गया है कि समय रहते किसानों की मदद की जाए, जिससे वे इस संकट से बाहर निकल सकें।

मोहला-मानपुर अं चौकी जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में कृषि ही आजीविका का मुख्य साधन है। ऐसे में यदि किसानों को समय पर राहत नहीं मिली, तो इसका प्रभाव आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक संतुलन पर भी पड़ेगा। शासन-प्रशासन को चाहिए कि तत्काल स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उचित कदम उठाए।

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