उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की आज पूरा विश्व तारीफे कर रहा है की किस तरह से भारत देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को सुधार करने को लेकर किस तरह आगे बढ़ रहा है जिसकी नसीहत पाकिस्तान को भी दी जा रही है।
उसी कार्यक्रम को लेकर जिला मोहला मानपुर अं चौकी में प्रशासन धरातल पर कार्य कर रही है जिसके लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे है, उसी तर्ज पर विकासखंड मानपुर में शनिवार को उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन बीआरसी भवन में किया गया। बैठक की अध्यक्षता विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री ए. आर. कौर और बीआरसी सुश्री जाहिदा खान ने की। सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री अरुण मरकाम ने बैठक में ब्लॉक के अंतर्गत चल रहे असाक्षर पंजीयन कार्य की पंचायतवार समीक्षा की।
समीक्षा बैठक के दौरान श्री मरकाम ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम भारत सरकार के प्रमुख मिशनों में से एक है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के समग्र विकास के लिए नागरिकों को विभिन्न जीवन कौशलों, व्यवसायिक प्रशिक्षण, सतत शिक्षा, कानूनी साक्षरता, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों में साक्षर बनाना है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवी शिक्षक उल्लास साक्षरता केंद्रों में इन विषयों पर असाक्षरों को साक्षर करने का कार्य कर रहे हैं।
श्री मरकाम ने जानकारी दी कि सत्र 2024-25 के लिए मानपुर विकासखंड को 5000 असाक्षरों के पंजीयन का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। हालांकि, कुछ पंचायतों का लक्ष्य अभी अधूरा है। उन्होंने संबंधित शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे इस कार्य को शीघ्रता से पूरा करें ताकि सभी पंचायतों में साक्षरता कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा सके।
बैठक में कार्यक्रम के नोडल शिक्षक, 59 पंचायतों के प्रभारी शिक्षक और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री मरकाम ने साक्षरता अभियान की चुनौतियों और उसके समाधान पर भी चर्चा की, साथ ही सभी उपस्थित शिक्षकों को इस कार्य को गंभीरता से लेने और इसे शीघ्र पूर्ण करने की अपील की।
दूसरी ओर पाकिस्तान पैसों की कमी से ध्वस्त हो चुका है एजुकेशन सिस्टम, जारी करे उल्लास जैसी शिक्षा कार्यक्रम - ADB
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था इस समय पैसों की कमी से ध्वस्त हो चुकी है. पाकिस्तान सरकार ने एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए मनीला स्थित एडीबी से आर्थिक मदद मांगी थी. सरकार का कहना था कि स्कूल छोड़ रहे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए उन्हें पैसों की जरूरत है. इस पर एडीबी ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत सरकार के प्रयासों से सबक लेते हुए अपने यहां भी उल्लास (Understanding of Lifelong Learning for All in Society) जैसे कार्यक्रम शुरू करने चाहिए ताकि उनका बर्बाद हो चुका एजुकेशन सिस्टम सुधर सके.
उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत लोगों को न केवल बुनियादी शिक्षा प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें वर्तमान जीवनशैली की समस्याओं के समाधान के लिए भी तैयार किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाकर एक समृद्ध और आत्मनिर्भर समाज का निर्माण करना है।
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