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नक्सली हमले कि पंद्रहवे बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजली दी गई।

मोहला-मानपुर, NBPNEWS / 15 वर्ष पूर्व, 12 जुलाई 2009 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के कोरकोट्टी-मदनवाड़ा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा एक भीषण हमला किया गया था, जिसमें एसपी विनोद कुमार चौबे समेत 29 जवान शहीद हुए थे। कल इस दुखद घटना की 15वीं बरसी पर प्रदेश में शहीद जवानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मानपुर ब्लॉक मुख्यालय में व मोहला के दुर्गा चौक में पुलिस विभाग, प्रशासन, जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग शामिल हुए और शहीदों की तस्वीरों पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
### घटना का विवरण

12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा थाने में नक्सलियों द्वारा दो जवानों की हत्या के बाद उनके शवों को मुख्यालय ले जाने के लिए एसपी चौबे अपने काफिले के साथ निकले थे। जब उनका काफिला मानपुर मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर दूर कोरकोट्टी गांव पहुंचा, तब नक्सलियों ने बीच सड़क पर बम विस्फोट कर दिया और चारों ओर से घेरकर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में एसपी चौबे समेत 25जवान शहीद हो गए।
### दूसरी घटना

उसी दिन, सीतागांव की ओर से मदनवाड़ा जा रही एक अन्य पुलिस टीम पर भी ग्राम कारेकट्टा के पास नक्सलियों ने हमला किया। इस हमले में औंधी थाना प्रभारी समेत दो जवान शहीद हो गए। इस प्रकार, एक ही दिन में तीन अलग-अलग स्थानों पर नक्सली हमलों में कुल 29 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
### श्रद्धांजलि सभा

कल मानपुर ब्लॉक मुख्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पुलिस विभाग, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग शामिल हुए। उन्होंने शहीदों की तस्वीरों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को नमन किया। इस अवसर पर सभी ने शहीद जवानों की वीरता और साहस को सलाम किया।
                   दूसरी ओर जिला मुख्यालय मोहला में भी ग्राम वासियों द्वारा शहीदों की तस्वीरों पर माल्यार्पण और मोमबत्ती जलाकर अमर शहीदों को याद कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पण कर नारे लगाए गए।
### घटना की भयावहता

12 जुलाई 2009 का दिन छत्तीसगढ़ के नक्सल इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज है। इस दिन नक्सलियों ने पुलिस बल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था। करीब 300 नक्सलियों ने तीन लेयर में घेराबंदी कर अंधाधुंध फायरिंग और बम विस्फोट किए। इस हमले में सड़कों को भी उड़ा दिया गया ताकि जवानों को किसी भी प्रकार की मदद न मिल सके। ग्रामीणों ने इस घटना को करीब से देखा और आज भी वहां के पेड़ों पर गोलियों के निशान मौजूद हैं।
### निष्कर्ष

यह हमला नक्सलियों की क्रूरता और पुलिस बल के समर्पण का प्रतीक है। शहीद जवानों की याद में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में शामिल होकर लोगों ने उनके बलिदान को याद किया और उनके साहस को सलाम किया।

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