"विष्णु देव साय की सुशासन कहे या कुशासन किसानों को मिलने वाली डीएपी खाद सोसायटी में मिलने के बजाए अधिक मूल्य में दुकानों में उपलब्ध है। "
जिले के किसानों में उस समय नाराजगी फूट पड़ी जब मोहला स्थित सहकारी समिति (सोसायटी) द्वारा खाद वितरण के लिए बुलाए जाने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पाया। इसको लेकर नाराज ग्रामीणों ने बीते बुधवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर सोसायटी प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और जल्द खाद उपलब्ध कराने की मांग की।
ग्रामीणों ने बताया कि 25 जून को उन्हें खाद वितरण के लिए मोहला की सहकारी समिति बुलाया गया था। दूर-दराज से किसान बड़ी संख्या में खाद लेने पहुंचे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। खाद न मिलने से क्षुब्ध ग्रामीणों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन से अपनी पीड़ा साझा की और ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों की कलेक्टर तूलिका प्रजापति से सीधी मुलाकात नहीं हो सकी, पर उन्होंने मौके पर मौजूद तहसीलदार व सहकारी समिति के नोडल अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि जल्द खाद की व्यवस्था की जाए ताकि खरीफ फसल की बुवाई प्रभावित न हो।
कलेक्टर तूलिका प्रजापति ने इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कृषि विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को किसानों को शीघ्र खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि वे डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की अनुपलब्धता की स्थिति में अन्य वैकल्पिक खाद का भी उपयोग करें।
यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समय पर कृषि इनपुट उपलब्ध न होने की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र के किसान किस हद तक प्रभावित होते हैं। किसान संगठनों ने प्रशासन से खाद आपूर्ति को लेकर प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
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