Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

छत्तीसगढ़ के गौरव, हास्य साहित्य के शिखर पुरुष पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे का निधन – देश-विदेश में दिया छत्तीसगढ़ को अलग पहचान



रायपुर | 25 जून 2025
छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश और विदेश में अपनी हास्य कविताओं से लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाले प्रख्यात कवि पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे का आज निधन हो गया। उन्होंने रायपुर के एसीआई अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। परिजनों के अनुसार उन्हें अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद भर्ती कराया गया था, जहां हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया।
डॉ. सुरेन्द्र दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को दुर्ग जिले के बेमेतरा में हुआ था। उन्होंने छत्तीसगढ़ की माटी में जन्म लेकर, पूरे देश-दुनिया को हास्य रस की ऐसी अलभ्य धारा दी, जिसने छत्तीसगढ़ को हास्य कविता के वैश्विक मंच पर विशेष पहचान दिलाई।
उनकी पाँच किताबें, अनगिनत मंचीय प्रस्तुतियाँ और टेलीविजन कार्यक्रमों में भागीदारी ने उन्हें आम जनमानस का चहेता कवि बना दिया। उनकी कलम की धार ने न सिर्फ हँसी बिखेरी, बल्कि समाज पर करारा व्यंग्य करते हुए गंभीर सच्चाइयों को भी उजागर किया।
उन्हें भारत सरकार ने वर्ष 2010 में पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया था। इसके अलावा काका हाथरसी हास्य रत्न पुरस्कार (2008), पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान (2012), अट्टहास सम्मान तथा अमेरिका में लीडिंग पोएट ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी उनके नाम रहे।
वर्ष 2019 में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी एसोसिएशन के समारोह में उन्हें "हास्य शिरोमणि सम्मान" प्रदान किया गया – जो उनके अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक कद को दर्शाता है।
उनकी प्रेरक साहित्यिक यात्रा का सम्मान करते हुए देश के तीन विश्वविद्यालयों ने उनकी रचनाओं पर पीएचडी की उपाधियाँ भी प्रदान की हैं, जो उनकी लेखनी की गंभीरता और प्रभावशीलता का प्रमाण है।

डॉ. दुबे न केवल कवि थे, बल्कि प्रेरणा थे एक ऐसे कवि जिनकी हास्य रचनाएं गुदगुदाती ही नहीं, सोचने पर मजबूर भी करती थीं। वे छत्तीसगढ़ की भाषा, लोकसंस्कृति और संवेदनाओं को मंचीय ऊँचाइयों तक ले गए। उनके माध्यम से छत्तीसगढ़ को वैश्विक हिंदी मंचों पर एक नई पहचान मिली।
उनका निधन न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि हास्य साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवित रहेंगे, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के शिखर स्तंभ बने रहेंगे।

NBPNEWS परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ